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    ट्रंप के दबाव में मुकेश अंबानी ने बदली रणनीति, रूस के बजाय मिडिल ईस्ट से खरीदा क्रूड ऑयल; क्या है रिलायंस का प्लान?

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 04:38 PM (IST)

    Reliance oil sourcing shift: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मध्य पूर्व से कच्चा तेल खरीदा है, जिससे रूस से तेल आयात पर असर पड़ सकता है। कंपनी ने इराक और कतर से 2.5 मिलियन बैरल तेल खरीदा है। माना जा रहा है कि यह कदम अमेरिका के दबाव और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के कारण उठाया गया है, जिससे रिलायंस की रूस पर निर्भरता कम हो सकती है। रिलायंस ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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    रिलायंस ने इराक और कतर से तेल खरीदा है।

    नई दिल्ली| Reliance Industries, crude oil strategy: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले सप्ताह मिडिल ईस्ट का क्रूड तेल खरीदा है। कंपनी ने कम से कम 2.5 मिलियन बैरल खरीदे, जिसमें इराक का बासरा मीडियम और कतर का अल-शाहीन और कतर लैंड शामिल हैं।

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    ट्रेडर्स के अनुसार, रिलायंस की यह खरीद सामान्य से ज्यादा सक्रिय रही। कंपनी अब और भी ऑर्डर दे सकती है। इससे लगता है कि अमेरिका का दबाव भारत के रूस से तेल आयात पर असर डालना शुरू कर सकता है।

    रिलायंस आमतौर पर रूस का सबसे बड़ा खरीदार रहा है। अब वह रूस के क्रूड के समान गुणवत्ता वाले तेल के लिए मिडिल ईस्ट के कई संभावित सप्लायर्स से संपर्क कर रही है।

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    रूस से तेल खरीद पर ट्रंप का बयान

    अमेरिका भारत पर रूस का क्रूड खरीदना कम करने के लिए दबाव बना रहा है। अमेरिकी प्रेस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत ने मॉस्को का तेल खरीदना रोकने पर सहमति दी, हालांकि भारत ने इसे आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की।

    स्थानीय रिफाइनर संकेत दे चुके हैं कि वे रूस से खरीद घटाएंगे, लेकिन पूरी तरह रोकेंगे नहीं। साथ ही, यूरोपीय संघ जनवरी 2026 से रूस के क्रूड से बने ईंधन पर आयात प्रतिबंध लागू करने जा रहा है। इससे रिलायंस के रिफाइंड उत्पादों के EU एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है। आधिकारिक दिशा-निर्देश में भारत को ऐसे देशों में शामिल किया गया है जिनके साथ सावधानी बरतने की सलाह है।

    ट्रेडर्स बोले- यह रिलायंस की रणनीति

    रिलायंस ने इस मामले पर टिप्पणी नहीं की। ट्रेडर्स का मानना है कि मिडिल ईस्ट क्रूड की यह खरीद रिलायंस की रूस पर निर्भरता को कम करने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है। अमेरिका और यूरोप का दबाव रिलायंस के तेल आयात पैटर्न में बदलाव ला रहा है, और कंपनी इस बदलाव के लिए पहले से ही तैयारी कर रही है।