चीन ने रोकी भारत आ रही खाद की खेप; कितना महंगा हो जाएगा DAP, TMAP और यूरिया खरीदना
चीन ने 15 अक्टूबर से उर्वरकों के निर्यात पर अस्थायी (China fertilizer ban) रोक लगा दी है, जिससे वैश्विक स्तर पर कीमतों में 10-15% की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, भारत में रबी सीजन के लिए पर्याप्त उर्वरक का भंडार है, इसलिए किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे योजना बनाकर और आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेकर ही खाद खरीदें। भारत अन्य देशों से उर्वरक आयात करने की संभावनाएं तलाश रहा है।

नई दिल्ली। खेती के लिए जरूरी खादों की कीमतों पर जल्द ही असर दिख सकता है! चीन ने 15 अक्टूबर से कुछ अहम उर्वरकों के निर्यात को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इनमें स्पेशलिटी फर्टिलाइजर जैसे TMAP (टेक्निकल मोनोअमोनियम फॉस्फेट) और यूरिया सॉल्यूशन प्रोडक्ट्स जैसे AdBlue, साथ ही DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और साधारण यूरिया जैसे पारंपरिक उर्वरक शामिल हैं।
कितने समय तक रहेगा असर?
सॉल्यूबल फर्टिलाइज़र इंडस्ट्री एसोसिएशन (SFIA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीब चक्रवर्ती के मुताबिक, ''यह निर्यात प्रतिबंध करीब 5 से 6 महीने तक जारी रह सकता है और इससे वैश्विक स्तर पर उर्वरक दामों में लगभग 10–15% तक बढ़ोतरी संभव है।''
रबी सीजन के लिए घबराने की जरूरत नहीं
चीन के खाद रोकने के बावजूद अच्छी खबर यह है कि भारत में रबी सीजन (अक्टूबर से मार्च) के लिए तत्काल कोई कमी नहीं है। भारतीय व्यापारियों ने पहले ही पर्याप्त मात्रा में उर्वरक का भंडारण कर लिया है और वैकल्पिक देशों से भी सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है। चीन की यह चाल भी नाकाम होती नजर आ रही है।
राजीब चक्रवर्ती ने किसानों को सलाह दी है कि किसान घबराकर एक साथ खाद खरीदने न दौड़ें। अपनी जरूरत के अनुसार पहले से योजना बनाएं और आधिकारिक चैनलों से सही जानकारी लें।
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किसानों के लिए क्या करें और क्या न करें
- जल्दी योजना बनाएं। अपनी मिट्टी और फसल की जरूरत के अनुसार खाद की मात्रा तय करें।
- अधिकृत डीलर से ही खरीदें। फर्जी या ओवररेटेड उत्पादों से बचें।
- पैनिक खरीदारी न करें। अभी के लिए स्टॉक पर्याप्त है।
- खाद का सही उपयोग करें। संतुलित मात्रा में उपयोग से पैदावार बेहतर होगी और खर्च भी कम रहेगा।
भारत के लिए वैकल्पिक रास्ते
भारत अब दक्षिण अफ्रीका, चिली और क्रोएशिया जैसे देशों से उर्वरक आयात करने की संभावनाएं तलाश रहा है, ताकि सप्लाई में कोई रुकावट न आए।
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