रुपये में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए RBI ने उठाया बड़ा कदम, अगस्त में बेचे 7.7 अरब डॉलर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये के मूल्य को गिरने से बचाने के लिए अगस्त में 7.7 अरब अमेरिकी डॉलर बेचे। RBI के अनुसार, अगस्त में 7.69 अरब अमेरिकी डॉलर की शुद्ध बिक्री हुई। रुपये में गिरावट का कारण व्यापार तनाव और वैश्विक अनिश्चितता थी। 20 अक्टूबर को रुपया डॉलर के मुकाबले थोड़ा बढ़कर 87.9275 पर बंद हुआ।

रुपये की गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई ने किए उपाय
भाषा, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए अगस्त में 7.7 अरब अमेरिकी डॉलर (US Dollar) बेचे।
आरबीआई के नवीनतम बुलेटिन में प्रकाशित अमेरिकी डॉलर की बिक्री/खरीद के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में केंद्रीय बैंक की अमेरिकी डॉलर की शुद्ध बिक्री 7.69 अरब अमेरिकी डॉलर रही जो पिछले महीने की तुलना में लगभग तीन गुना है।
जुलाई और अगस्त में अमेरिकी डॉलर नहीं खरीदे
आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने जुलाई और अगस्त में अमेरिकी डॉलर नहीं खरीदे। आरबीआई का घोषित रुख यह है कि वह रुपये-डॉलर विनिमय दर के किसी स्तर या दायरे को लक्षित नहीं करता, बल्कि विदेशी मुद्रा बाजार में केवल तभी हस्तक्षेप करता है जब अत्यधिक अस्थिरता हो।
अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट
अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट आई थी। इसके बाद बढ़ते व्यापार तनाव, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और लगातार विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की निकासी के बीच सितंबर में भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट दर्ज की गई थी।
अभी कितने पर है डॉलर
सेंट्रल बैंक एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए स्पॉट और फॉरवर्ड मार्केट में दखल देता है। 20 अक्टूबर को, रुपया डॉलर के मुकाबले थोड़ा बढ़कर 87.9275 पर बंद हुआ। RBI के सरकारी बैंकों के जरिए मार्केट में वापस आने की उम्मीद है, जिससे रुपये को 88 के लेवल के पास सपोर्ट मिलेगा।
रुपया अन्य एशियाई करेंसियों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है, जिसने इस साल अब तक 4.61 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की है, जिसमें सितंबर सबसे खराब महीना रहा। हालांकि, इस सोमवार और मंगलवार को यह 10 पैसा बढ़कर मंगलवार को 87.9620 पर पहुंच गया। अक्टूबर के दौरान, रुपया 0.39 प्रतिशत मजबूत हुआ है, लेकिन पिछले 12 महीनों में यह 4.61 प्रतिशत नीचे आया है। रुपया 23 सितंबर को 88.89 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया था।
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