मोबाइल से 75 लाख करोड़ के पेमेंट, 3 महीने में UPI का जबरदस्त इस्तेमाल, ट्रांजेक्शन की संख्या 59 अरब के पार
देश में करीब 71 करोड़ सक्रिय यूपीआइ क्यूआर कोड हो गए हैं। वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यूपीआई का चलन बढ़ता जा रहा है। जुलाई-सितंब ...और पढ़ें

मुंबई। जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिये ट्रांजेक्शन का आकार साल-दर-साल 33.5 प्रतिशत बढ़कर 59.33 अरब पहुंच गया। वहीं, लेनदेन का आकार 21 प्रतिशत बढ़कर 74.84 लाख करोड़ रुपये हो गया। देश में लगभग 71 करोड़ सक्रिय यूपीआइ क्यूआर कोड हो गए हैं जो जुलाई, 2024 के मुकाबले 21 प्रतिशत ज्यादा हैं।
वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, किराना स्टोर, फार्मेसी, ट्रांसपोर्ट हब और ग्रामीण बाजारों में क्यूआर की व्यापक स्वीकृति ने स्कैन-एंड-पे को देशभर में डिफाल्ट पेमेंड मोड बना दिया है। व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) लेनदेन व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) लेनदेन से ज्यादा रहा और यह रोजमर्रा के रिटेल पेमेंट में यूपीआइ के दबदबे को दर्शाता है।
P2M ट्रांजेक्शन भी बढ़े
रिपोर्ट में कहा गया है कि पी2एम लेनदेन 35 प्रतिशत बढ़कर 37.46 अरब लेनदेन हो गए जबकि पी2पी लेनदेन 29 प्रतिशत बढ़कर 21.65 अरब लेनदेन हो गए। औसत लेनदेन का आकार घटकर 1,262 रुपये (1,363 रुपये से) हो गया, जो मोबिलिटी, भोजन, स्वास्थ्य संबंधी जरूरी चीजों और हाइपरलोकल कामर्स जैसे छोटे लेनदेन के लिए बढ़ते उपयोग को दर्शाता है।
क्रेडिट कार्ड इश्युएंस भी बढ़े
जुलाई, 2024 से जुलाई, 2025 के दौरान पाइंट आफ सेल (पीओएस) टर्मिनल से ट्रांजेक्शन 35 प्रतिशत बढ़कर 1.21 करोड़ हो गए। क्रेडिट कार्ड जारी करने में आठ प्रतिशत (साल-दर-साल) की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह 11.33 करोड़ हो गए वहीं डेबिट कार्ड 1.02 बिलियन अरब हो गए हैं। क्रेडिट कार्ड लेनदेन में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसके जरिये लेनदेन आकार का मूल्य 6.07 लाख करोड़ रुपये था।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि डेबिट कार्ड के जरिये लेनदेन में 22 प्रतिशत की गिरावट आई है जो कम कीमत वाले खर्चों के लिए यूपीआइ के प्रयोग को दर्शाता है।

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