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    ट्रंप टैरिफ के बीच भारत और इस मुस्लिम देश के बीच साइन हुआ FTA, 99% निर्यात पर जीरो टैरिफ; पढ़ें पूरी डिटेल

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 06:49 PM (IST)

    भारत और ओमान ने एक ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर साइन किए हैं। यह समझौता खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत के आर्थिक संबंधों में एक बड़ा कद ...और पढ़ें

    नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ के बीच भारत और ओमान ने एक ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर साइन किए हैं, जो खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत के आर्थिक संबंधों में एक बड़ा कदम है और व्यापार, निवेश और सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण नए अवसर खोलता है। इस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे के आखिरी पड़ाव में ओमान की राजधानी मस्कट में हैं, उन्होंने भारत और ओमान के बीच कई सेक्टरों में सहयोग की बात कही है।

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    यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की मौजूदगी में साइन किया गया, जिसमें वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने इस समझौते को औपचारिक रूप दिया। यह पिछले छह महीनों में भारत द्वारा साइन किया गया दूसरा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है, यूके डील के बाद, और 2006 के बाद से ओमान का किसी भी देश के साथ पहला द्विपक्षीय व्यापार समझौता है।

    कितना लगेगा टैरिफ

    इसके तहत ओमान, भारत को अपनी 98.08% टैरिफ लाइन्स पर ड्यूटी-फ्री एक्सेस देगा, जिसमें भारत द्वारा ओमान को किए जाने वाले एक्सपोर्ट का 99.38% शामिल है। यानी भारत के लगभग 99 फीसदी निर्यात पर जीरो टैरिफ लगेगा।

    दूसरी ओर, भारत ने अपनी कुल टैरिफ लाइनों के 77.79% पर लिबरलाइज्ड टैरिफ की पेशकश की है, जिसमें भारत ओमान से जो इंपोर्ट करता है, उसका 94.81% शामिल है। मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट पर टैरिफ हटाने के अलावा, इस डील में कई रियायतें भी शामिल हैं जिनसे भारत के सर्विस सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद है, जिसमें वर्कर्स की मोबिलिटी भी शामिल है।

    इन उत्पादों को स्पेशल कैटेगरी में रखा गया

    अपने हितों की रक्षा के लिए, भारत ने बिना कोई रियायत दिए कुछ संवेदनशील प्रोडक्ट्स को इससे बाहर रखा है। खासकर कृषि उत्पाद, जिसमें डेयरी, चाय, कॉफी, रबर और तंबाकू उत्पाद शामिल हैं; सोना और चांदी के बिस्किट, गहने; जूते, खेल के सामान जैसे अन्य श्रम-प्रधान उत्पाद; और कई बेस मेटल्स का स्क्रैप।

    भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत ड्राइवर, सर्विस सेक्टर को भी बड़े पैमाने पर फायदे होंगे। ओमान का ग्लोबल सर्विस इंपोर्ट 12.52 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जिसमें ओमान के ग्लोबल इंपोर्ट बास्केट में भारत के एक्सपोर्ट का हिस्सा 5.31% है, जो भारतीय सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए काफी ज्यादा अनटैप्ड पोटेंशियल दिखाता है।

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