दुबई, शारजाह और अबू धाबी जैसे शहर, कच्चे तेल का भंडार; फिर इतनी कम कैसे UAE GDP ग्रोथ?
UAE GDP Growth 2024 संयुक्त अरब अमीरात की जीडीपी 2024 में 4 फीसदी बढ़कर 1.776 ट्रिलियन दिरहम हो गई। आंकड़ों से पता चलता है कि कि यूएई की जीडीपी ग्रोथ रेट कछुए की चाल की तरह है। यूएई के पास कच्चे तेल का बहुत बड़ा भंडार है इसके बावजूद उसकी जीडीपी धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है।
नई दिल्ली। UAE के फेडरल कॉम्पिटिटिवनेस एंड स्टैटिस्टिक्स सेंटर (FCSC) ने 2024 के जीडीपी के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात की जीडीपी 2024 में 4 प्रतिशत बढ़कर 1.776 ट्रिलियन दिरहम तक पहुंच गई। खास बात यह है कि इसमें 75.5% योगदान गैर तेल क्षेत्रों से रहा। यूएई के पास दुबई, शारजाह और अबू धाबी (Abu Dhabi GDP performance) जैसे शानदार शहर हैं, उसके पास बड़े-बड़े कच्चे तेल के भंडार हैं। ऐसे में एक सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यूएई की जीडीपी ग्रोथ इतनी धीमी क्यों हैं? आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हैं।
संयुक्त अरब अमीरात की गैर तेल अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह बढ़कर 1.32 ट्रिलियन दिरहम (UAE economy 2024 insights) तक पहुंच गई है। वहीं, तेल से जुड़ी गतिविधियों ने यूएई की जीडीपी में 434 बिलियन दिरहम का योगदान दिया एक समय हुआ करता था कि यूएई की पूरी की पूरी इकॉनमी तेल पर ही निर्भर हुआ करती थी। लेकिन अब कहानी बदल चुकी है। और इसी बदलते कहानी के पीछे की कहानी हम इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे।
गैर तेल क्षेत्रों में विकास कर रहा UAE
फेडरल कॉम्पिटिटिवनेस एंड स्टैटिस्टिक्स सेंटर द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार यूएई की जीडीपी (Gulf countries GDP growth) में सबसे ज्यादा योगदान परिवहन और भंडारण क्षेत्र का रहा है। इस क्षेत्र ने 9.6% की ग्रोथ हासिल की। यह आंकड़ा पिछले साल से 10 फीसदी ज्यादा है। वहीं, कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में 8.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्त और बीमा क्षेत्र में 7 फीसदी की बढ़ोतरी दिखी है। होटल और रेस्टोरेंट क्षेत्र ने 5.7% की ग्रोथ हासिल की। जबकि, रियल एस्टेट ने 4.8 फीसदी की ग्रोथ हासिल की है।
तेल का भंडार, फिर कम क्यों है UAE की GDP ग्रोथ?
दुबई, शारजाह और अबू धाबी जैसे शहरों में कच्चे तेल का बड़ा भंडार है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कच्चे तेल की बड़ी मछली आखिर कछुए की चाल से क्यों आगे बढ़ रही है? इसके कई कारण हैं। आइए उन्हीं कारणों को समझने की कोशिश करते हैं।
तेल पर कम हो रही निर्भरता: कच्चे तेल इस समय किसी भी देश की जीडीपी में भले ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हो। लेकिन इस प्राकृतिक पदार्थ का एक समय बाद खत्म होना तय है। शायद यही कारण है कि संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी अर्थव्यवस्था को गैर-तेल क्षेत्रों जैसे व्यापार, पर्यटन, वित्त, रियल एस्टेट, और निर्माण की ओर धकेल दिया है। यानी इन सेक्टर्स के जरिए वह अपनी इकॉनमी को बूस्ट करने की कोशिश कर रहा है।
वैश्विक स्तर पर रहती है तेल की कीमतों की निर्भरता: कच्चे तेल की कीमतों का निर्धारण इंटरनेशनल मार्केट में होता है। ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने का मतलब साफ है कि जीडीपी ग्रोथ सीमित रहना।
तेल पर कम फोकस: यूएई का लक्ष्य है कि वह 2031 तक अपनी जीडीपी को 3 ट्रिलियन दिरहम तक ले जाए। इसके लिए वह 'We the UAE 2031' विजन पर काम भी कर रहा है। इसलिए उसका फोकस दीर्घकालिक, टिकाऊ विकास पर ज्यादा है न कि तेल पर। वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आती है तो इससे निर्यात और निवेश प्रभावित होगा जो अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डालता है। इसलिए यूएई गैर तेल क्षेत्रों में खुद को मजबूत कर रहा है।
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