Trump Tariffs से भारत का नुकसान कई देशों के लिए फायदा, पाक-तुर्किये समेत केन्या और मेक्सिको कमाएंगे मुनाफा, पर कैसे?
आज 27 अगस्त से अमेरिका भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ (Trump Tariff on india) लगाएगा जिससे भारत का 66% निर्यात प्रभावित होगा। GTRI के अनुसार भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर से घटकर 49.6 अरब डॉलर रह सकता है। ऑटो पार्ट्स टेक्सटाइल्स रत्न एवं आभूषण जैसे सेक्टर प्रभावित होंगे। इस टैरिफ से वियतनाम बांग्लादेश चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को फायदा होगा क्योंकि उन पर कम टैरिफ दरें लागू हैं।
नई दिल्ली। आज बुधवार 27 अगस्त से अमेरिका बहुत से भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाएगा। इससे भारत का अमेरिका को होने वाला लगभग 66 फीसदी निर्यात प्रभावित होगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुमान के अनुसार भारत का अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 86.5 अरब डॉलर से घटकर वित्त वर्ष 2026 में 49.6 अरब डॉलर रह सकता है।
50 फीसदी टैरिफ से जो सेक्टर प्रभावित होंगे, उनमें ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल्स, वस्त्र, रत्न एवं आभूषण, झींगा, कालीन और फर्नीचर शामिल हैं। इस टैरिफ से भारत की ओवरऑल जीडीपी पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा आयातक है। पर भारत को होने वाले इस नुकसान से कई देशों को फायदा होगा।
क्यों होगा दूसरे देशों को फायदा
वियतनाम, बांग्लादेश, कंबोडिया और यहाँ तक कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को भारत पर अधिक टैरिफ से फायदा मिलेगा। दरअसल इन देशों पर भारत के मुकाबले कम टैरिफ है। ऐसे में अमेरिकी आयातक इन देशों का रुख कर सकते हैं।
पाक-चीन को होगा फायदा
नए टैरिफ के लागू होने के बाद, अमेरिका को निर्यात करने वाले अन्य देशों को अपने कम टैरिफ रेट के जरिए कॉम्पिटिटिव फायदा होगा। इनमें म्यांमार पर 40 प्रतिशत, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36-36 प्रतिशत, बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत, चीन और श्रीलंका पर 30-30 प्रतिशत, मलेशिया पर 25 प्रतिशत और फिलीपींस और वियतनाम दोनों पर 20 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ दरें लागू हैं।
वहीं पाकिस्तान पर 19 फीसदी और तुर्किये पर 15 फीसदी टैरिफ है।
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भारत को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं
जीटीआरआई के अनुसार 50 फीसदी टैरिफ भारत के लिए एक स्ट्रैटेजिक झटका है, जिससे अमेरिकी लेबर-इंटेंसिव मार्केट्स में भारत की लॉन्ग टर्म पकड़ खतरे में है। साथ ही निर्यात केंद्रों में बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी का जोखिम पैदा हो गया है और ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत की भागीदारी कमजोर हो सकती है।
जीटीआरआई के मुताबिक चीन, वियतनाम, मेक्सिको, तुर्किये और यहाँ तक कि पाकिस्तान, नेपाल, ग्वाटेमाला और केन्या जैसे प्रतिस्पर्धियों को इससे फायदा होगा, और टैरिफ वापस लिए जाने के बाद भी भारत प्रमुख बाजारों से बाहर रह सकता है।
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