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    Year Ender 2025: ये हैं इस साल के सबसे अधिक रिटर्न देने वाले Gold ETF, FD-म्यूचुअल फंड से ज्यादा कराया फायदा

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 01:07 PM (IST)

    साल 2025 में सोने की कीमतों में 70 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) ने भी अच्छा रिटर्न दिया है। यूटीआई म्यूचुअल फंड, टाटा ...और पढ़ें

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    कई गोल्ड ईटीएफ ने इस साल दिया दमदार रिटर्न

    नई दिल्ली। साल 2025 में सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गयी। इस साल सोने की कीमत (Gold Price in 2025) 70 फीसदी से अधिक बढ़ी है। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) भी अच्छा रिटर्न देने में कामयाब रहे। यहां हम आपको टॉप गोल्ड ईटीएफ (Top Gold ETF in 2025) की जानकारी देंगे।

    ये हैं 2025 के टॉप गोल्ड ईटीएफ

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    गोल्ड ईटीएफ स्कीम बीते 1 साल का रिटर्न (% में)
    UTI म्यूचुअल फंड - UTI गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड 73.16
    टाटा गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड 72.66
    LIC MF गोल्ड ETF 72
    क्वांटम गोल्ड फंड - एक्सचेंज ट्रेडेड फंड 71.88
    इन्वेस्को इंडिया गोल्ड ETF 71.73
    ICICI प्रूडेंशियल गोल्ड ETF 71.31
    बिड़ला सन लाइफ गोल्ड ETF 71.24
    एक्सिस म्यूचुअल फंड - एक्सिस गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड 71.09
    कोटक गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड 71
    जेरोधा गोल्ड ETF 70.89

    70-73 फीसदी रिटर्न, एफडी के मुकाबले काफी ज्यादा है। वहीं अधिकतर म्यूचुअल फंड भी इतना रिटर्न नहीं दे पाए हैं।

    क्या होता है गोल्ड ईटीएफ?

    गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है जो फिजिकल सोने की घरेलू कीमत को ट्रैक करता है, जिसकी यूनिट निवेशक किसी भी शेयर की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर खरीद और बेच सकते हैं। हर यूनिट आम तौर पर सोने की एक खास, हाई-प्योरिटी मात्रा (आमतौर पर 1 ग्राम या उसका कुछ हिस्सा) को दिखाती है, जिसे फंड मैनेजर सुरक्षित वॉल्ट में रखता है।

    क्या हैं गोल्ड ईटीएफ के खास फीचर्स?

    • सुविधा और सिक्योरिटी : गोल्ड ETF से फिजिकल स्टोरेज, इंश्योरेंस और फिजिकल सोने को रखने से जुड़े चोरी के जोखिम की जरूरत खत्म हो जाती है
    • प्योरिटी की गारंटी : अंडरलाइंग फिजिकल सोना हाई प्योरिटी (आमतौर पर 99.5%) का होता है, जिससे ज्वैलरी या कुछ सिक्कों के साथ क्वालिटी को लेकर होने वाली चिंताएं खत्म हो जाती हैं
    • लिक्विडिटी और ट्रांसपैरेंट कीमत : यूनिट्स को मार्केट के घंटों के दौरान प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों (जैसे भारत में NSE और BSE) पर रियल-टाइम, पारदर्शी कीमतों पर आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है
    • किफायती : निवेशक फिजिकल सोने की खरीद से जुड़े ज्यादा "मेकिंग चार्ज" या डीलर मार्कअप से बचते हैं। उन्हें सिर्फ सालाना खर्च अनुपात (मैनेजमेंट फीस) और ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज फीस देनी होती है
    • पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन : सोना अक्सर स्टॉक और बॉन्ड के मुकाबले उल्टी दिशा में चलता है, जिससे गोल्ड ETF महंगाई और आम मार्केट में उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए एक उपयोगी साधन बन जाता है

    ये भी पढ़ें - सोने की चमक हुई कम, मगर चांदी का दौड़ लगाना है जारी; पिछले हफ्ते कितने पहुंच रेट?

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    (डिस्क्लेमर: यहां गोल्ड ईटीएफ की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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