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    Tata Group में कैसे बदल रही लीडरशिप; किसे मिली जिम्मेदारी, कौन हुआ बाहर?

    Updated: Fri, 10 Jan 2025 03:42 PM (IST)

    नोएल टाटा के टाटा ट्रस्ट का चेयरपर्सन बनने के साथ ही उनकी तीन संतानें भी ग्रुप के कामकाज में अपनी भूमिका निभाने लगी हैं। हाल ही में नोएल टाटा की दोनों बेटियों लीह और माया को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में शामिल किया गया है। यह कदम 104.5 अरब डॉलर टाटा ग्रुप के नेतृत्व की नई पीढ़ी के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देता है।

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    माया और लेआ टाटा ने आर्नाज कोटवाल और फ्रेडी तलाती की जगह ली है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे प्रतिष्ठित कारोबारी घरानों में से एक टाटा ग्रुप बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अब 104.5 अरब डॉलर के टाटा ग्रुप की कमान धीरे-धीरे नई पीढ़ी के हाथों में जा रही है। इस बदलाव की शुरुआत रतन टाटा की देहांत के बाद हुई। रतन टाटा की जगह उनके सौतेले भाई नोएल नवल टाटा ने अक्टूबर 2024 में टाटा ट्रस्ट के चेयरपर्सन की जिम्मेदारी संभाली। इसके पास टाटा संस में 66 फीसदी का कंट्रोलिंग स्टेक है, जो टाटा ग्रुप की होल्डिंग और प्रमोटर कंपनी है।

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    टाटा की लीडरशिप में बदलाव

    नोएल टाटा के टाटा ट्रस्ट का चेयरपर्सन बनने के साथ ही उनकी संतानें भी ग्रुप के कामकाज में अपनी भूमिका निभाने लगी हैं। नोएल टाटा की तीन संतान हैं, दो बेटियां लीह और माया। साथ ही एक भी बेटा भी है, नेविल। नोएल टाटा की बेटियों, लीह और माया को सर रतन टाटा इंडस्ट्रियल इंस्टीट्यूट (SRTII) के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में शामिल किया गया है। यह कदम टाटा ग्रुप के भविष्य और नेतृत्व की नई पीढ़ी के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देता है।

    माया और लेआ टाटा ने आर्नाज कोटवाल और फ्रेडी तलाती की जगह ली है, जिन्होंने SRTII के ट्रस्टी के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। अब, नोएल टाटा के बच्चे टाटा ग्रुप के छोटे ट्रस्ट्स के बोर्ड में शामिल हैं। हालांकि उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट जैसे प्रमुख ट्रस्ट में अभी तक शामिल नहीं किया गया है।

    SRTII में बदलाव की क्या वजह है?

    SRTII के ट्रस्टी बोर्ड में बदलाव की वजह भी खास है। दरअसल, सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी चाहते थे कि SRTII को दोबारा सक्रिय करके आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए वे ट्रस्टी के तौर पर ऐसे लोगों को शामिल करना चाहते थे, जो SRTII से करीब से जुड़े हों और नियमित रूप से मुंबई में उपलब्ध भी हों। माया और लेआ टाटा इन दोनों जरूरतों को पूरा करती हैं। इसलिए वे ट्रस्टी बनने के लिए पहले से ही आदर्श उम्मीदवार थीं।

    सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड का मानना माया और लेआ को ट्रस्टी के रूप में नामांकित करना काफी बेहतर फैसला है। इससे संस्था की जरूरतों और भविष्य की योजनाओं पर बारीकी से अमल किया जा सकेगा। यह फैसला SRTII को बेहतर दिशा और मैनेजमेंट देगा।

    बदलाव पर विवाद भी

    टाटा ग्रुप में यह बदलाव पारिवारिक उत्तराधिकार का हिस्सा था, लेकिन इससे आंतरिक स्तर पर कुछ नाराजगी भी पैदा हुई। आर्नाज कोटवाल ने बोर्ड के अन्य ट्रस्टीज को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें जिस तरह से इस्तीफा देने के लिए कहा गया, वह तरीका ठीक नहीं था। उनका कहना था कि यह बदलाव उचित संवाद के जरिए नहीं है, जिससे उन्हें परेशानी हुई।

    हालांकि, बोर्ड का कहना है कि SRTII के लिए बदलाव और विकास की जो योजना बनाई गई है, उसमें पुराने ट्रस्टी फिट नहीं बैठते। इसलिए माया और लीह को नामांकित किया गया है। वे दोनों मुंबई में ही रहती हैं, इसलिए वे SRTII से जुड़ी योजनाओं में बेहतर तरीके से हिस्सा ले सकेंगी।

    टाटा ग्रुप के उत्तराधिकारी

    नोएल टाटा की तीन संतानें हैं, जो धीरे-धीरे टाटा ग्रुप की कमान संभाल रहे हैं। इनके पास पहले से ही टाटा ग्रुप से जुड़ी कुछ बड़ी जिम्मेदारियां हैं। पिछले साल रतन टाटा के देहांत से पहले वे ग्रुप के कुछ महत्वपूर्ण ट्रस्ट में शामिल हो चुके थे।

    लीह टाटा

    नोएल टाटा की तीन संतानों में लीह सबसे बड़ी हैं। लीह इंडियन होटल्स कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट हैं। वह गेटवे होटल्स ब्रांड संभालती हैं। उन्होंने मुंबई में ताज महल पैलेस होटल का मैनेजमेंट किया और 2006 में ताज होटल्स रिसॉर्ट्स एंड पैलेस में सहायक बिक्री प्रबंधक के रूप में अपना करियर शुरू किया। लीह टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, टाटा एजुकेशन ट्रस्ट और जेआरडी और थेल्मा जे टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में भी शामिल हैं।

    माया टाटा

    नोएल टाटा की संतानों में माया दूसरे नंबर पर हैं। माया टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड से की थी। यह टाटा कैपिटल का प्रमुख प्राइवेट इक्विटी फंड है। वह जल्द ही टाटा डिजिटल में चली गईं और टाटा न्यू ऐप के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। माया टाटा एजुकेशन ट्रस्ट, आरडी टाटा ट्रस्ट और जेआरडी और थेल्मा जे टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल हैं।

    नेविल टाटा

    नेविल टाटा नोएल टाटा की सबसे छोटी संतान है। नेविल ने पिछले साल ट्रेंट की हाइपरमार्केट इकाई, स्टार बाजार के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। इससे पहले उन्होंने जूडियो को संभाला, जिसे एक सफल कंपनी माना जाता है। वह अब देश के सबसे बड़े अपैरल ब्रांड में से एक है। यह टाटा ग्रुप का रिटेल बिजनेस है। वह टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, जेआरडी टाटा ट्रस्ट और आरडी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में हैं।

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