सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साहूकारी से शुरुआत, अब साइकिल-शक्कर से लेकर 29 कारोबार, 14 साल के लड़के की मेहनत का नतीजा है मुरुगप्पा ब्रांड

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 03:37 PM (IST)

    मुरुगुप्पा ग्रुप, भारत में 33वें नंबर का बड़ा कारोबारी घराना है, जिसकी शुरुआत साल 1900 में बर्मा में हुई थी। दीवान बहादुर ए.एम. मुरुगप्पा चेट्टियार ने महज 14 साल की उम्र में फाइनेंसिंग कारोबार के गुर सीखे और भारत में एक बड़े फाइनेंशियल समूह की नींव रख दी। वहीं, 1915 और 1934 के बीच उन्होंने कपड़ा, रबर बागान, बीमा और स्टॉक ब्रोकिंग के क्षेत्र में भी कदम रखा।

    Hero Image

    नई दिल्ली। भारत के 100 सबसे अमीर उद्योगपतियों की लिस्ट में 33वें नंबर पर आने वाला एक बिजनेस घराना 125 साल पुराना है। खास बात है कि इस परिवार ने अपने बिजनेस की शुरुआत सन 1900 में बर्मा (अब म्यांमार) में की थी, जब यह देश ब्रिटिश इंडिया के एक प्रांत के रूप में प्रशासित हुआ करता था। हालांकि, 1935 में बर्मा पर जापान के हमले व द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत से पहले भारत शिफ्ट हो गया। हम बात कर रहे हैं मुरुगप्पा ग्रुप (Murugappa Group) की, जिसकी चौथी पीढ़ी अपने पुश्तैनी कारोबार को संभाल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत के इस मशहूर कारोबारी घराने की कहानी बेहद दिलचस्प और लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरणा देने वाली है। द्वितीय विश्व युद्ध से पहले यह परिवार म्यांमार से अपना बिजनेस समेटकर भारत आया और 90 साल के अंदर देश में बड़ी पहचान बना ली। आइये आपको बताते हैं बैकिंग से लेकर साइकिल के बिजनेस में सक्रिय मुरुगप्पा परिवार की कहानी..

    14 साल की उम्र में कारोबार

    मुरुगप्पा समूह के संस्थापक दीवान बहादुर ए.एम. मुरुगप्पा चेट्टियार हैं। सन 1900 में महज 14 साल की उम्र में ए.एम. मुरुगप्पा चेट्टियार ने बर्मा (अब म्यांमार) में अपने चाचा के साहूकारी के व्यवसाय में एक प्रशिक्षु के तौर पर काम करना शुरू किया। 15 साल तक कामकाज करने के बाद मुरुगप्पा चेट्टियार ने 1915 में साझेदारी के साथ AMMRM नाम से साहूकारी और बैंकिंग व्यवसाय शुरू किया।। हालांकि, बाद में मुरुगप्पा चेट्टियार ने अपने साझेदार से यह बिजनेस खरीद लिया।

    इतना ही नहीं फाइनेंशियल सेक्टर में पैर जमाने के बाद मुरुगप्पा चेट्टियार ने 1915 और 1934 के बीच कपड़ा, रबर बागान, बीमा और स्टॉकब्रोकिंग के क्षेत्र में भी कदम रखा। उन्होंने अपने कारोबार का विस्तार मलेशिया, वियतनाम और श्रीलंका तक किया।

    द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद लौटे भारत

    मुरुगप्पा चेट्टियार के जीवन और बिजनेस में सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा पर जापानी आक्रमण से ठीक पहले, कंपनी ने रणनीतिक रूप से अपनी संपत्ति और कारोबार भारत में शिफ्ट कर लीं। इसके बाद भारत में मुरुगप्पा चेट्टियार को बिल्कुल नए सिरे से शुरुआत करनी पड़ी, लेकिन यहां भी उन्होंने बिजनेस को स्थापित कर लिया। चेन्नई में मुख्यालय के साथ मुरुगप्पा समूह भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक घरानों में से एक है, और आज की तारीख में मुरुगप्पा ग्रुप के तहत 29 कंपनियां आती हैं। इनमें से 10 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं।

    29 कंपनियां और अलग-अलग बिजनेस

    मुरुगप्पा समूह के पास 29 व्यवसाय हैं, जिनमें 10 सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं, जो फाइनेंशियल, ऑटो कंपोनेंट, साइकिल, उर्वरक और शक्कर बनाती हैं। इस समूह के प्रमुख ब्रांड्स में साइकिल के लिए बीएसए और हरक्यूलिस और शक्कर के लिए ईआईडी पैरी व फाइनेंस बिजनेस में चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड शामिल हैं।

    समूह की 10 लिस्टेड कंपनीज:

    कार्बोरंडम यूनिवर्सल लिमिटेड, सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड, चोलामंडलम फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड

    कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड, ई.आई.डी.-पैरी (इंडिया) लिमिटेड, एनएसीएल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, शांति गियर्स लिमिटेड, ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया लिमिटेड

    ये भी पढ़ें- JP Associates से पहले अदाणी ने ऐसी कंपनी को क्यों खरीदा, जिसने अभी तक शुरू भी नहीं किया कारोबार? खर्च कर दिए अरबों

    वेंड्ट (इंडिया) लिमिटेड और अन्य प्रमुख कंपनियों में चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और पैरी एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड शामिल हैं।

    अजाक्स, हरक्यूलिस, बीएसए, मोंट्रा, मोंट्रा इलेक्ट्रिक, मच सिटी, चोला, चोला एमएस, सीजी पावर, शांति गियर्स, सीयूएमआई, ग्रोमोर, पैरामफोस, पैरीज़ जैसे ब्रांड समूह के प्रतिष्ठित उत्पादों का हिस्सा हैं।

    फैमिली बिजनेस में चौढ़ी पीढ़ी

    मुरुगप्पा परिवार की चौथी पीढ़ी इस बिजनेस को संभाल रही है। फिलहाल, एम.एम. मुरुगप्पन समूह की कंपनियों सीयूएमआई और चोला एमएस जनरल इंश्योरेंस के अध्यक्ष हैं। चौथी पीढ़ी के एक अन्य सदस्य वेल्लयन सुब्बैया, समूह की गैर-बैंकिंग वित्त शाखा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस के अध्यक्ष हैं। हाल ही में कोरोमंडल इंटरनेशनल के मानद चेयरमैन और मुरुगप्पा समूह के पूर्व अध्यक्ष अरुणाचलम वेल्लयन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें