लक्ष्मी मित्तल ने छोड़ा यूके, अब यहां बनाएंगे ठिकाना; ब्रिटेन में ज्यादा टैक्स से अमीर लोग परेशान
लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) ने यूके छोड़ने का फैसला किया है। लेबर पार्टी की सरकार द्वारा अमीरों पर टैक्स में संभावित वृद्धि के चलते मित्तल स्विट्जरलैंड और दुबई में बसने की योजना बना रहे हैं। 'संडे टाइम्स रिच लिस्ट' के अनुसार, मित्तल यूके के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। यूके छोड़ने का मुख्य कारण संभावित टैक्स बढ़ोतरी और दुबई और स्विट्जरलैंड में इनहेरिटेंस टैक्स का न होना है।
नई दिल्ली। भारतीय मूल के स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) काफी समय से यूके में रहते हैं। मगर अब रिपोर्ट है कि उन्होंने यूके छोड़ने का फैसला किया है। बता दें कि वे यूके के सबसे अमीर अरबपतियों की लिस्ट में रेगुलर तौर पर शामिल रहे हैं। मगर अब लेबर पार्टी की सरकार सुपर-रिच लोगों के लिए टैक्स में कुछ बदलाव कर सकती है, जिसके चलते मित्तल के यूके छोड़ने की खबर है।
अब कहां रहेंगे मित्तल
‘द संडे टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में जन्मे मित्तल यूके के टैक्स नियमों के चलते अब स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं और अब वे अपना ज्यादातर समय दुबई में बिताएंगे। 2025 की ‘संडे टाइम्स रिच लिस्ट’ के मुताबिक, आर्सेलरमित्तल स्टीलवर्क्स के फाउंडर की कुल संपत्ति करीब 1.90 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें उन्हें UK का आठवां सबसे अमीर आदमी बताया गया है।
क्या है वजह
रिपोर्ट्स के अनुसार 75 साल के मित्तल बुधवार को चांसलर रेचल रीव्स के बजट से पहले UK छोड़ने वाले नए अरबपति बन गए हैं। मित्तल के पास पहले से ही दुबई में एक मैंशन है और अब उन्होंने यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) में नाइया आइलैंड पर एक दिलचस्प डेवलपमेंट का बड़ा हिस्सा खरीदा है।
मित्तल के यूके छोड़ने की खबर अमीर लोगों पर संभावित टैक्स बढ़ोतरी से पहले आई है। दरअसल रीव्स UK के फाइनेंस में 20 बिलियन पाउंड के गैप को भरने की कोशिश कर रही हैं। इसीलिए अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ने जा रहा है।
अमीर लोग छोड़ रहे यूके
पिछले साल लेबर की आम चुनाव में जीत के बाद पेश किए गए रीव्स के पहले बजट में, कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी, अपने वेंचर बेचने वाले एंटरप्रेन्योर्स के लिए टैक्स रिलीफ में कमी और फैमिली कंपनियों को आने वाली पीढ़ियों को सौंपने के तरीके पर नए टैक्स लगाए गए थे।
अगले हफ्ते चांसलर के तौर पर उनके दूसरे बजट में और टैक्स लगाने की अफवाह है। इसमें UK छोड़ने वालों पर संभावित 20 फीसदी एग्जिट टैक्स भी शामिल है। इस खबर से वहां के अमीर लोगों में और ज्यादा बेचैनी है और वे हड़बड़ाहट में पहले ही यूके से निकल रहे हैं।
दुबई-स्विट्जरलैंड में नहीं लगता कोई इनहेरिटेंस टैक्स
अनुमान लगाया जा रहा है कि मुद्दा इनकम (या कैपिटल गेन) पर टैक्स का नहीं, बल्कि इनहेरिटेंस टैक्स का है। विदेशों के कई अमीर लोग यह नहीं समझ पाते कि दुनिया में कहीं भी उनकी एसेट्स पर UK ट्रेजरी द्वारा लगाया जाने वाला इनहेरिटेंस टैक्स क्यों लगे?
ऐसे में अमीरों को लगता है कि उनके पास यूके छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है और वे ऐसा करने से या तो दुखी होते हैं या गुस्से में। यूके के उलट दुबई और स्विट्जरलैंड में कोई इनहेरिटेंस टैक्स नहीं लगता है।

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