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    Share Market Record High: मुख्य न्यायधीश ने दिया सुझाव, SEBI और SAT को सतर्क रहने की दी सलाह

    Updated: Thu, 04 Jul 2024 02:40 PM (IST)

    शेयर बाजार रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। ऐसे में बाजार के निवेशकों को लाभ मिले और कोई गैर-अनुपालन न हो इसके लिए मार्केट रेगुलेटरी (SEBI) और SAT को सतर्क रहना चाहिए। आज नए एसएटी परिसर का उद्घाटन करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में जितनी ज्यादा तेजी आएगी उतना ही नियामक अधिकारियों को सतर्क रहना चाहिए।

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    SEBI और SAT को सतर्क रहने की है जरूरत

    पीटीआई, नई दिल्ली। शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी है। रोज स्टॉक मार्केट नए रिकॉर्ड बना रहा है। आज भी मार्केट अपने ऑल-टाइम हाई पर खुला है। बाजार में आई तेजी को लेकर देश के मुख्य न्यायधीश D Y Chandrachud ने मार्केट रेगुलेटरी (SEBI) और SAT को सलाह दिया है।

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    मुख्य न्यायधीश ने कहा कि शेयर बाजार में जारी तेजी को लेकर सेबी और SAT को सतर्क रहना चाहिए। इन दोनों संस्थानों का इस बात का ध्यान देना चाहिए कि रीढ़ की हड्डी सही है। यहां रीढ़ की हड्डी का तात्पर्य शेयर मार्केट से है।

    नए एसएटी परिसर का उद्घाटन करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने अधिकारियों को एसएटी की नई पीठ खोलने पर विचार करने की सलाह दी है। अखबार के एक आर्टिकल का रेफरेंस देते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि जहां एक तरफ भारत "stratospheric domain" में एंट्री ले रहा है वहीं, नियामक अधिकारियों को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि हर कार्य कानून के अनुसार होना चाहिए।

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    SEBI और SAT हो जाएं सतर्क

    सीजेआई चंद्रचूड़ का कहना है कि जितना ज्यादा शेयर बाजार में तेजी आएगी उतनी ज्यादा नियामक संस्थानों की भूमिका बढ़ेगी। नियामक संस्थानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि मार्केट में सभी कार्य कानूनी तौर पर होने चाहिए।

    उन्होंने कहा कि सेबी और एसएटी जैसे अपीलीय मंच एक स्थिर और पूर्वानुमानित निवेश माहौल को बढ़ावा देने में "अत्यधिक राष्ट्रीय महत्व" मानते हैं, और बताया कि इससे देश के आर्थिक विकास में कैसे लाभ हो सकता है।

    चंद्रचूड़ ने कहा कि जब निवेशक आश्वस्त महसूस करते हैं कि उनका निवेश कानून द्वारा संरक्षित है तो ऐसे में देश के बाजारों में निवेश करने की अधिक संभावना होती है। जितना ज्यादा मार्केट में इनफ्लो होगा तो इसका लाभ निवेशकों के साथ देश को भी होता है।

    उन्होंने कहा कि बाजार सहभागियों की संख्या और लेनदेन की मात्रा में तेजी आई है ऐसे में नियामक गैर-अनुपालन के मामले भी सामने आ सकते हैं।

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