जिस चिप की दुनिया को जरूरत, उसका किंग बनेगा भारत ! 5 साल में ₹9 लाख करोड़ की हो जाएगी ये इंडस्ट्री
भारत सरकार फ्यूचर इंडस्ट्रीज पर ध्यान केंद्रित कर रही है जिसमें सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री (Semiconductor Industry) सबसे महत्वपूर्ण है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय 2 सितंबर से सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2025 (SEMICON India 2025) का आयोजन कर रहा है जिसमें 18 देशों की कंपनियां भाग लेंगी। सरकार चिप निर्माण करने वाली कंपनियों को इंसेंटिव देने के लिए 76000 करोड़ रुपए का फंड रखा है।
नई दिल्ली। सरकार फ्यूचर की इंडस्ट्रीज पर फोकस कर रही है और इनमें सबसे अहम सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री (Semiconductor Industry) को बताया जा रहा है। सेमीकंडक्टर या चिप की जरूरत पूरी दुनिया को है और एक बार भारत में इसका निर्माण शुरू होने पर भारत सेमीकंडक्टर का बड़ा एक्सपोर्टर बन सकता है।
इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ही इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की तरफ से आगामी दो सितंबर से सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2025 (SEMICON India 2025) का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 18 देशों की सैकड़ों कंपनियां भाग ले रही हैं।
आएंगे 42 देशों के दर्शक
नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे जिनमें 42 देशों के दस हजार से अधिक दर्शकों के आने की उम्मीद की जा रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश मे सेमीकंडक्टर का कारोबार 45-50 अरब डाॉलर का था जो वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर (8.77 लाख करोड़ रु) का हो जाएगा।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सेमीकंडक्टर में भारत टेकऑफ कर रहा है। देश में इसके छह प्लांट तैयार होने वाले हैं।
दिया जाएगा इंसेंटिव
सेमीकंडक्टर मिशन के तहत सरकार ने चिप संबंधी निर्माण करने वाली कंपनियों को इंसेंटिव देने के लिए 76,000 करोड़ रुपए का फंड रखा है। सेमीकंडक्टर मिशन के तहत देश के छह राज्यों में 1.60 लाख करोड़ के निवेश से 10 प्रोजेक्ट्स तैयार हो रहे हैं।
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युवाओं को कुशल बनाने पर फोकस
उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक भारत में निर्मित चिप बाजार में आ जाएगा। गुजरात, असम, उत्तर प्रदेश, पंजाब, ओडीशा व आंध्र प्रदेश में चिप निर्माण से जुड़ी यूनिट स्थापित हो रही है। सेमीकंडक्टर मिशन के तहत इस उद्योग में रोजगार के लिए 85,000 युवाओं को कुशल बनाना है।
हालांकि माना जा रहा है कि अगले पांच साल में दुनिया भर में चिप निर्माण के लिए लाखों की संख्या में कुशल युवा की जरूरत होगी और भारत इसका सबसे बड़ा सप्लायर होगा। देश के सैकड़ों विश्वविद्यालय में सेमीकंडक्टर से जुड़े कोर्स को पढ़ाने का काम शुरू हो गया है।
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