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    अंबानी-अदाणी समेत अरबपतियों के निवेश पर SEBI की नजर! कंपनी और संपत्ति में कहां पैसा लगाया, मांगा जा सकता है हिसाब

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 03:17 PM (IST)

    मार्केट रेगुलेटर SEBI ने देश के अरबपति कारोबारियों के पारिवारिक कार्यालयों को अपनी निगरानी में लाने पर चर्चा शुरू कर दी है क्योंकि देश के ये अरबपति स्टॉक मार्केट में बढ़ती हुई ताकत बन रहे हैं। सेबी चाहता है कि देश के बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा संचालित समूह सार्वजनिक रूप से कारोबार की जाने वाली शेयर और सिक्योरिटी में कैसे निवेश करते हैं इस बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध हो।

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    एक रिपोर्ट में सूत्रों ने बताया कि सेबी ने इस संबंध में चर्चा शुरू कर दी है।

    नई दिल्ली। शेयर बाजार नियामक संस्था SEBI देश की दिग्गज अरबपतियों पर कड़ी निगरानी की तैयारी कर रही है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी समेत अन्य अरबपति कारोबारियों के पारिवारिक कार्यालयों को अपनी निगरानी में लाने पर चर्चा शुरू कर दी है, क्योंकि देश के ये अरबपति स्टॉक मार्केट में बढ़ती हुई ताकत बन रहे हैं।

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    इस रिपोर्ट में पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि इस चर्चा में पारिवारिक कार्यालयों से पहली बार अपनी संस्थाओं, संपत्तियों और अन्य निवेश पर रिटर्न का खुलासा करने के लिए कहना, साथ ही निवेश माध्यमों को विनियमित करने के लिए एक अलग श्रेणी बनाने जैसे नियम शामिल हैं।

    SEBI क्यों चाहता है निगरानी

    भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) चाहता है कि देश के बड़े कॉरपोरेट घरानों द्वारा संचालित समूह सार्वजनिक रूप से कारोबार की जाने वाली शेयर और सिक्योरिटी में कैसे निवेश करते हैं, इसे लेकर संभावित जोखिमों के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध हो। सूत्रों ने बताया कि नियामक ने इस साल की शुरुआत में देश के कुछ सबसे बड़े पारिवारिक कार्यालयों के साथ बैठकें कीं और अन्य से लिखित प्रस्तुतियाँ मांगीं। हालांकि, सेबी की ओर से नए नियमों का अंतिम स्वरूप और समय अभी स्पष्ट नहीं है। भारत में पारिवारिक कार्यालयों के लिए वर्तमान में कोई स्पेशल रेगुलेशन नहीं है।

    बाजार में उथल-पुथल मचा सकते हैं बड़े खिलाड़ी

    दरअसल, सेबी का यह प्रयास दर्शाता है कि कैसे देश के अरबपति कारोबारी घराने महत्वपूर्ण निवेशों के साथ बाजार के प्रमुख खिलाड़ी बन गए हैं जो बाज़ारों में उथल-पुथल मचा सकते हैं। पारिवारिक कार्यालय, जिनकी संख्या दो दशक पहले भारत में मुट्ठी भर थी, अब वे स्टार्टअप्स, प्राइवेट इक्विटी और आईपीओ में निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण वित्तपोषक के रूप में उभरे हैं। कई बिजनेसमैन के फैमिली ऑफिसेज वैकल्पिक निवेश कोष या छाया ऋणदाताओं जैसी विनियमित संस्थाओं के माध्यम से निवेश करते हैं।

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    भारत में दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोग रहते हैं, जिनमें तेल-रिफाइनरी टाइकून मुकेश अंबानी शामिल हैं, जिनकी ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार कुल संपत्ति 96.4 बिलियन डॉलर है, और गौतम अडानी, जिनकी 89.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति बंदरगाहों से लेकर कोयला व्यापार तक फैली हुई है।