कर्ज में डूबी MTNL फिर बॉन्ड पर ब्याज चुकाने में हुई फेल, निवेशकों पर क्या होगा असर?
कर्ज में डूबी MTNL बॉन्ड पर ब्याज का भुगतान करने में विफल रही। कंपनी के पास अपर्याप्त धनराशि के कारण एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं हो पाई है। MTNL ने नवंबर 2022 में 6109.6 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड जारी किए थे लेकिन ब्याज चुकाने में कई बार चूक हुई है। समझौते के अनुसार बॉन्डधारकों को नुकसान नहीं होगा क्योंकि भारत सरकार भुगतान करने के लिए बाध्य है।

नई दिल्ली। कर्ज में डूबी सरकारी दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि अपर्याप्त धनराशि के कारण वह बैंक ऑफ इंडिया में रखे गए एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं कर सका। इससे पहले भी एमटीएनएल कई बार बॉन्ड पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार ब्याज का भुगतान करने में विफल रही है। एमटीएनएल ने नवंबर 2022 में कुल 6,109.6 करोड़ रुपये मूल्य के 5,000 सरकारी गारंटी वाले, असुरक्षित, रेटेड, सूचीबद्ध, प्रतिदेय, गैर-परिवर्तनीय और कर योग्य बॉन्ड डिबेंचर के रूप में जारी किए। इन बॉन्ड के ब्याज को जमा करने में कंपनी से कई बार चूक हुई है।
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MTNL ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि SEBI विनियम, 2015 के विनियम 30 के अनुसार, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि एमटीएनएल बॉन्ड सीरीज V (INE153A08089) पर 7.05% की दर से 10वाँ अर्धवार्षिक ब्याज 12.10.2025 को देय है। एमटीएनएल, दूरसंचार विभाग (DoT), संचार मंत्रालय, भारत सरकार और बीकन ट्रस्टीशिप लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौते (TPA) की संरचित भुगतान व्यवस्था के अनुसार, एमटीएनएल को देय तिथि से 10 दिन पहले बैंक ऑफ इंडिया में स्थित एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा करनी होगी।
इसके आगे कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा, "...यह सूचित किया जाता है कि अपर्याप्त धन के कारण एमटीएनएल एस्क्रो खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं कर सका।"
बॉन्डधारकों को क्या होगा नुकसान?
कंपनी की ओर फाइलिंग में कहा गया है कि बांड समझौते की शर्तों के अनुसार, बांड पर मूलधन और ब्याज के भुगतान में MTNL द्वारा किसी भी प्रकार की चूक होने पर डिबेंचर ट्रस्टी द्वारा सॉवरेन गारंटी का उपयोग किया जाएगा और "भारत सरकार इसके लिए एमटीएनएल को भुगतान करने के लिए बाध्य है।"
इस समझौते के तहत बॉन्डधारकों को नुकसान नहीं होगा। क्योंकि अगर MTNL समय पर ब्याज दरों का भुगतान नहीं कर पाती है तो भारत सरकार इसे भरेगी। यानी हम कह सकते हैं कि बॉन्डधारकों को इससे नुकसान नहीं होगा।
कैसा रहा है MTNL के शेयरों का प्रदर्शन?
1 जनवरी 2025 से अब तक एमटीएनएल के शेयरों में 15.12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। बीते एक साल की बात करें तो यह -23.48 फीसदी तक गिर चुका है। लेकिन अगर बीते 5 सालों की बात करें तो MTNL के शेयर 428.12 फीसदी का रिटर्न दे चुके हैं।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयर की जानकारी दी गयी है, निवेश की राय नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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