Cyber Security को लेकर एक्शन मोड में Sebi, निवेशकों के लिए नए सुरक्षा ढांचे का प्रस्ताव
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक समेकित साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन ढांचे का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में सभी विनियमित संस्थाओं को एक लेटेस्ट साइबर संकट प्रबंधन योजना बनाना होगा। इसके अलावा सेबी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (NIST) की ओर से जारी साइबर संकट प्रबंधन योजना के रूपरेखा को भी अपनाने की बात कही है। पढ़िए पूरी खबर

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: साइबर हमलों के मद्देनजर बाजार नियामक सेबी ने एक समेकित साइबर सुरक्षा (Consolidated Cyber Security) और साइबर लचीलापन ढांचे का प्रस्ताव दिया है, जिसमें सभी विनियमित संस्थाओं को एक लेटेस्ट साइबर संकट प्रबंधन योजना बनाना होगा।
क्यों है इसकी जरूरत?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि साइबर जोखिमों, घटनाओं की रोकथाम, तैयारियों और संस्थाओं की प्रतिक्रिया क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए रूपरेखा पर विचार किया गया है।
आपको बता दें कि सेबी ने 'सेबी विनियमित संस्थाओं के लिए समेकित साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन फ्रेमवर्क (CSCRF)' पर एक परामर्श पत्र जारी किया है, जो किसी भी साइबर-जोखिम/घटना को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के लिए कई दृष्टिकोणों के लिए एक सामान्य संरचना प्रदान करने पर विचार करता है। इस पत्र पर सेबी ने विनियमित संस्थाओं से 25 जुलाई तक टिप्पणी मांगी है।
पांच कार्यों पर आधारित है साइबर संकट प्रबंधन योजना की रूपरेखा
सेबी ने कहा कि साइबर संकट प्रबंधन योजना की रूपरेखा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (NIST) द्वारा परिभाषित साइबर सुरक्षा के पांच समवर्ती और निरंतर कार्यों पर आधारित है जो आइडेंटिफाई (Identify), प्रोटेक्ट (Protect), डिटेक्ट (Detect), रिस्पॉन्ड (Respond) और रिकवर (Recover) है।
SOP भी करनी होगी लागू
सेबी ने कहा कि जैसे-जैसे विभिन्न विनियमित संस्थाएं अपनी प्रतिक्रिया देंगें, प्रौद्योगिकी और प्रतिभूति बाजार के विकसित होने के साथ-साथ रूपरेखा को भी अपडेटेड और बेहतर बनाया जाता रहेगा। सेबी ने कहा कि विनियमित संस्थाओं को एक व्यापक घटना प्रतिक्रिया प्रबंधन योजना और संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) भी लागू करनी होगी।
मजबूत साइबर सुरक्षा जरूरी- सेबी
सेबी ने कहा कि प्रतिभूति बाजार में तकनीकी विकास के अलावा प्रतिभूति बाजार में काम करने वाले संगठनों को साइबर जोखिमों/घटनाओं से बचाने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन बनाए रखने की जरूरत है।
बाजार नियामक ने 2015 से विभिन्न विनियमित संस्थाओं के लिए लक्षित साइबर सुरक्षा और साइबर लचीलापन ढांचे जारी कर रहा है।
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