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    'भारत का रूसी तेल खरीदना गर्व का प्रतीक', INDIA दौरे से पहले रूस के विदेश मंत्री का बयान, ट्रंप पर साधा निशाना?

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 09:33 PM (IST)

    रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को भारत के रूसी तेल खरीदने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय साथी पहले ही इस दबाव पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं कि रूस से तेल खरीदना बंद करें। उनका मानना है कि अगर अमेरिका भारत को कुछ बेचना चाहता है जिसमें तेल भी शामिल है तो भारत शर्तों पर बातचीत करने को तैयार है।

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    'भारत का रूसी तेल खरीदना गर्व का प्रतीक', INDIA दौरे से पहले रूस के विदेश मंत्री का बयान।

    नई दिल्ली| रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को भारत के रूसी तेल खरीदने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह यूक्रेन संघर्ष को बहाना बनाकर प्रतिस्पर्धा खत्म करना चाहता है।

    लावरोव ने कहा कि,

    "हमारे भारतीय साथी पहले ही इस दबाव पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं कि रूस से तेल खरीदना बंद करें। उनका मानना है कि अगर अमेरिका भारत को कुछ बेचना चाहता है, जिसमें तेल भी शामिल है, तो भारत शर्तों पर बातचीत करने को तैयार है। लेकिन जब रूस या किसी अन्य देश से व्यापार की बात आती है, तो यह केवल रूस और भारत का मामला है।"

    राष्ट्रीय हित और गर्व का प्रतीक

    लावरोव ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि, "मेरा मानना है कि यह रुख भारत के राष्ट्रीय हित, राष्ट्रीय गर्व और सम्मान को दर्शाता है।"

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    UNGA में भी दिया था बयान

    लावरोव के ताजा बयान न्यूयॉर्क में हुई यूएनजीए बैठक के दौरान दिए गए उनके विचारों से मिलते-जुलते हैं। उस समय उन्होंने कहा था कि रूस भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों का सम्मान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस के बीच एक "विशेष रणनीतिक साझेदारी" है।

    अमेरिका-भारत विवाद से अलग रिश्ता

    मीडिया से बातचीत में लावरोव ने कहा कि भारत और अमेरिका या भारत और किसी अन्य देश के बीच जो भी स्थिति बने, मैं उसे भारत-रूस संबंधों का मापदंड नहीं मानता।

    दिसंबर में भारत दौरे की तैयारी

    लावरोव ने अपनी प्रस्तावित यात्रा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम भारत के राष्ट्रीय हितों और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपनाई गई विदेश नीति का पूरा सम्मान करते हैं। रूसी विदेश मंत्री दिसंबर में होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले भारत आने वाले हैं।