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    Religare Finvest Fund डायवर्जन मामले में SEBI का सख्त फैसला, 52 संस्थाओं पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना

    By Siddharth PriyadarshiEdited By:
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 04:54 PM (IST)

    सेबी ने रेलिगेयर फिनवेस्ट फंड डायवर्जन मामले में सख्ती बरतते हुए 52 संस्थाओं पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें संस्थाओं द्वारा दी गई राशि को डायवर्ट करने या उसके दुरुपयोग करने को ध्यान में रखा है।

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    Religare Finvest fund diversion case Sebi imposes Rs 21 cr fine on 52 entities

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने रेलिगेयर इंटरप्राइजेज की सहायक रेलिगेयर फिनवेस्ट के धन के दुरुपयोग के मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स समेत 52 इकाइयों पर कुल 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा सोमवार को पारित एक आदेश के अनुसार इन कंपनियों 45 दिनों के भीतर जुर्माना भरने के लिए कहा गया है।

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    इस मामले में लेन-देन का एक जटिल तंत्र शामिल है। इसके तहत सूचीबद्ध कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के फंड को उसकी सहायक रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के माध्यम से पूर्ववर्ती प्रमोटरों आरएचसी होल्डिंग, मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन के लाभ के लिए डायवर्ट किया गया था।

    सेबी ने लगाया जुर्माना

    सेबी ने अपने 390 पन्नों के आदेश में कहा है कि धोखाधड़ी की पूरी योजना के कारण आरईएल की सहायक कंपनी से 2473.66 करोड़ रुपये के फंड का डायवर्जन हुआ। इसके अलावा आरएफएल के 487.92 करोड़ रुपये के फंड का गलत इस्तेमाल हुआ। आरएफएल के फंड के इस डायवर्जन और दुरुपयोग से कंपनियों की बिजनेस साख कोई बट्टा लगा। यह निश्चित रूप से एक सूचीबद्ध कंपनी की संपत्ति का दुरुपयोग का मामला है। यह निवेशकों को भी प्रभावित करता है।

    52 संस्थाओं की मिलीभगत

    इन 52 संस्थाओं में उधार लेने वाली कई छोटी या मध्यवर्ती संस्थाएं शामिल हैं, जिनके माध्यम से धन हस्तांतरित किया गया था। कुछ ऐसी संस्थाओं के बारे में भी पता चला है, जिन्होंने उधार लेने वाली विभिन्न कंपनियों को आरएफएल द्वारा कर्ज दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    कितना लगा जुर्माना

    सेबी ने इस घोटाले में शामिल संस्थाओं पर 2 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया है। इसमें संस्थाओं द्वारा दी गई राशि को डायवर्ट करने या उसके दुरुपयोग करने को ध्यान में रखा है।

    रेलिगेयर फिनवेस्ट फंड

    जहां तक केएमपी,आरईएल, आरएफएल या आरएचसी होल्डिंग के निदेशकों का संबंध है, सेबी ने ऐसी कंपनियों में इन अधिकारियों की स्थिति और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखा है। सेबी ने आरएफएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी और आरएफएल की ऋण स्वीकृति समितियों के सदस्य बिपिन काबरा पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। Ranchem Private Limited और Fern Healthcare पर प्रत्येक पर 90 लाख रुपये; टोरस बिल्डकॉन पर 85 लाख रुपये; निशु फिनलीज, सुनील कुमार गर्ग और मनिंदर सिंह में प्रत्येक पर 70 लाख रुपये; श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस पर 30 लाख रुपये और फोर्टिस हेल्थकेयर होल्डिंग्स पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

    कैसे हुआ पटाक्षेप

    सेबी को जनवरी और फरवरी 2018 के दौरान शेयरधारकों की ओर से कंपनी के खिलाफ वित्तीय कुप्रबंधन और आरईएल के प्रमोटरों या प्रमोटर समूह की कंपनियों के लाभ के लिए आरएफएल में धन के डायवर्जन का आरोप लगाते हुए शिकायतें मिलीं। इसके बाद सेबी ने यह पता लगाने के लिए एक जांच की कि क्या अप्रैल 2011 से मार्च 2018 की अवधि के दौरान नियामक मानदंडों का कोई उल्लंघन हुआ है।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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