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    Manufacturing PMI: भारत की फैक्ट्री गतिविधियों में तेजी, अक्टूबर में मिलीं तीन साल में सबसे अधिक नौकरियां

    By Siddharth PriyadarshiEdited By:
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 04:14 PM (IST)

    पिछले महीने मांग और उत्पादन में धीमी गति से विस्तार हुआ लेकिन विकास की उम्मीद अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हुई। मई के बाद से विदेशी मांग मजबूत दर से बढ़ रही है। इससे अर्थव्यवस्था मेंं सुधार के संकेत मिल रहे हैं।

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    India manufacturing activities remain strong in October

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Manufacturing PMI: अक्टूबर में भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी आई है। भारत की फैक्ट्री गतिविधि में बढ़ोतरी होने से रोजगार सृजन का दायरा भी बढ़ा। मई के बाद से विदेशी मांग बढ़ने के साथ भारत का औद्योगिक विकास भी तेजी से हो रहा है। एसएंडपी ग्लोबल द्वारा जारी किया गया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स (पीएमआई) इंडेक्स सितंबर के 55.1 से अक्टूबर में बढ़कर 55.3 हो गया।

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    अक्टूबर में भारत की फैक्ट्री गतिविधियों में तेज गति से विस्तार हुआ और फर्मों ने बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दिया। इस कारण नौकरियां 33 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स, सितंबर के 55.1 से बढ़कर अक्टूबर में  55.3 हो गया। यह रीडिंग 54.9 के रॉयटर्स अनुमान से बेहतर है।

    यह 16वां महीना है, जब भारत की फैक्ट्री गतिविधि की रीडिंग 50 से ऊपर रही है। इससे पता चलता है कि देश में आधारभूत विकास की स्थिति बेहतर बनी हुई है।

    दबाव में भी बेहतर प्रदर्शन कर रही अर्थव्यवस्था

    एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में एसोसिएट डायरेक्टर पोल्याना डी लीमा ने कहा कि फैक्ट्री ऑर्डर और उत्पादन में जोरदार बढ़ोतरी के साथ भारतीय विनिर्माण उद्योग ने अक्टूबर में फिर से लचीलापन दिखाया। अन्य अर्थव्यवस्थाओं के विपरीत, भारत ने इस वर्ष की शुरुआत से लगातार ऊंची मुद्रास्फीति और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने के बाद भी लचीलापन दिखाया है। भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक सेंसेक्स में लगातार आ रही तेजी उभरते भारतीय बाजार की मजबूती को दर्शाती है।

    मजबूत आर्थिक विकास

    सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय फर्में अक्टूबर में 'एक्स्ट्रा पेस' हासिल करने में कामयाब रहीं। भारतीय निर्माता अक्टूबर 2023 तक उत्पादन की मात्रा में वृद्धि के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मांग में उछाल बरकरार रहेगा। हाल के दिनों में इनपुट खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। फर्मों ने ग्राहकों की खरीद के साथ बेहतर तालमेल के लिए अपनी इन्वेंट्री में इजाफा किया है। बिक्री में सुधार के लिए क्षमता का फिर से विस्तार किया गया है।

    रोजगार और मुद्रास्फीति की स्थिति

    सर्वेक्षण के अनुसार, मुद्रास्फीति के मोर्चे पर लागत का बोझ मोटे तौर पर सितंबर के 23 महीने के निचले स्तर से उपर आ गया। हाल के दिनों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार में तेज बढ़ोतरी हुई है।

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