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    Repo Rate Cut: राहत ही राहत! जल्द मिलेगा एक और तोहफा, इतनी कम हो जाएगी आपके ‘Home Loan की EMI’

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 04:52 PM (IST)

    GST Rate Cut के बाद सरकार की ओर से आम आदमी को एक और बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) की रिपोर्ट राहत भरी खबर सामने लेकर आई है। रिपोर्ट की मानें तो आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में कटौती ( Morgan Stanley report on Repo Rate Cut) कर सकता है।

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    रेपो रेट में फिर कटौती कर सकता है आरबीआई, मॉर्गन स्टेनली ने जारी की रिपोर्ट

     नई दिल्ली। जीएसटी रेट कट से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। नई जीएसटी रेट के तहत कई चीजों के दाम सस्ते कर दिए गए हैं। इस साल होने वाली अब तक की सभी मौद्रिक समिति बैठक में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की गई है। इसका सीधा लाभ उन लोगों को हुआ है, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन या अन्य लोन लिया हो।

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    रेपो रेट कट होने के बाद लोन सस्ता हो जाता है। वहीं इसका इनडायरेक्ट असर एफडी के ब्याज दर भी पड़ता है। अगले महीने यानी अक्टूबर में आरबीआई द्वारा मौद्रिक समिति बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक के दौरान रेपो रेट के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।

    इसी को लेकर मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट की मानें तो आरबीआई द्वारा फिर रेपो रेट में कटौती की जा सकती है।

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    Repo Rate Cut: कितनी होगी कटौती?

    मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है। ये रिपोर्ट सोमवार यानी आज जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी रेट में होने वाली कटौती से महंगाई यानी CPI (Consumer Price Index) में कमी आ सकती है।

    वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 2.4 फीसदी सालाना रह सकती है। इसलिए रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में अक्टूबर में 0.25 फीसदी और दिसंबर में 0.25 फीसदी कटौती की जा सकती है।

    क्या होता है Repo Rate?

    देश की केंद्रीय बैंक हर साल दो महीने के गैप में मौद्रिक समिति की बैठक आयोजित करती है।

    इस बैठक में रेपो रेट और अन्य वित्तीय संबंधित निर्णय लिए जाते हैं।

    लेकिन सभी की निगाहें खास तौर पर रेपो रेट में टिकी होती है। क्योंकि रेपो रेट में होने वाला बदलाव सीधा आम आदमी की जेब पर असर डालता है।

    रेपो रेट की मदद से आरबीआई महंगाई पर नियंत्रण पाने की कोशिश करता है। ये वहीं रेट है, जिस पर कोई वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से लोन लेता है। ये लोन छोटे अंतराल के लिए होता है।