Repo Rate Cut: RBI का आम आदमी को तोहफा, ब्याज दरों में 0.25% की कटौती; EMI का बोझ होगा कम
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती करके आम आदमी को राहत दी है। इस फैसले से होम लोन और अन्य लोन की EMI कम होने की संभावना है, जिसस ...और पढ़ें

नई दिल्ली। RBI ने आज शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का एलान किया है। द्विमासिक मौद्रिक नीति पर एमपीसी की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती करके आम आदमी को राहत दी है। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली MPC ने रेपो रेट 25 बीपीएस घटाकर 5.25% किया है। इस फैसले से होम लोन और अन्य लोन की EMI कम होने की संभावना है, जिससे लोगों पर वित्तीय बोझ कम होगा। रेपो रेट में कटौती से अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा, क्योंकि लोन सस्ते होने से मांग बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
नीतिगत रुख 'तटस्थ' पर बरकरार रखा है। ग्रामीण मांग में लगातार सुधार जारी है। शहरी मांग में लगातार सुधार हो रहा है। RBI गवर्नर ने कहा कि गैर-खाद्य, बैंक लो और उच्च क्षमता उपयोग में वृद्धि के कारण निजी निवेश में तेजी के साथ निवेश गतिविधि स्वस्थ बनी हुई है।
RBI ने GDP बढ़ोतरी का कितना जताया अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्वानुमान को संशोधित कर 7.3% कर दिया है, जबकि पहले यह 6.8% था।
वित्त वर्ष 26 की तीसरी तिमाही के लिए, केंद्रीय बैंक ने अपने विकास अनुमान को 6.4% से बढ़ाकर 7.0% कर दिया। वित्त वर्ष 26 की चौथी तिमाही के लिए भी पूर्वानुमान 6.2% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया। इसी प्रकार, वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही के लिए अनुमान 6.4% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया गया, जबकि वित्त वर्ष 27 की दूसरी तिमाही के लिए विकास दर 6.8% रहने का अनुमान लगाया गया।
इस साल कितनी बार घटा रेपो रेट
RBI ने साल 2025 में 4 बार रेपो रेट में कटौती की है। RBI ने फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। वहीं दूसरी बार अप्रैल में में भी ब्याज दर 0.25% घटाई गई। तीसरी बार जून में 0.50% कटौती की गई थी। अब एक बार फिर इसमें 0.25% की कटौती की गई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने तीन बार में ब्याज दरें 1.25% तक घटाई हैं।

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