क्या होता है Repo Rate, जिसे लेकर RBI अगले महीने लेगी फैसला; आम आदमी की जेब पर कितना पड़ेगा असर?
अगले महीने यानी अक्टूबर में आरबीआई द्वारा आम आदमी को बड़ा तोहफा दिया जा सकता है। अक्टूबर में आरबीआई मौद्रिक समिति की बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक के दौरान रेपो रेट और अन्य वित्तीय संबंधित फैसले लिए जाएंगे। लेकिन रेपो रेट कम (RBI Repo Rate Cut) होने या बढ़ने से हम पर क्या असर होता है आइए इसे समझते हैं।

नई दिल्ली। अक्टूबर यानी अगला महीना काफी खास होने वाला है। इस महीने आरबीआई एक बार फिर आम आदमी को तोहफा दे सकती है। अक्टूबर में आरबीआई की मौद्रिक समिति बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक के दौरान रेपो रेट (Repo Rate Cut) और अन्य वित्तीय संबंधित फैसले लिए जाएंगे।
अक्सर मन में ये सवाल आता है कि रेपो रेट बढ़ने या घटने से हम पर क्या असर हो सकता है। इसके साथ ही रेपो रेट कम होने से हमें क्या फायदा होगा। आइए आज हम रेपो रेट को आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।
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क्या होता है Repo Rate?
देश की केंद्रीय बैंक, एक साल में हर दो महीने बाद मौद्रिक समिति की बैठक आयोजित करती है। इस बैठक के दौरान रेपो रेट और अन्य वित्तीय संबंधित निर्णय लिए जाते हैं। रेपो रेट वो दर है, जिसके आधार पर वाणिज्यिक बैंक लोन लेता है। हालांकि रेपो रेट के आधार पर बैंक आरबीआई से शॉर्ट टर्म लोन लेता है।
अब ये समझते हैं कि ये आप कैसे असर करेगा।
Repo Rate Cut क्या करेगा असर?
- अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों को लोन कम ब्याज पर मिलेगा। फिर आपको भी कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
- ऐसी ही अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी आती है, तो बैंक को लोन लेना महंगा पड़ेगा। इससे आपका भी लोन ब्याज दर बढ़ेगा। ब्याज दर बढ़ने से आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी।
हालांकि ये बैंकों पर भी निर्भर करता है कि रेपो रेट में कटौती के बाद वे फिक्स्ड ब्याज दर कम करना चाहती है या नहीं।
RBI रेपो रेट में क्यों बदलाव करती है?
देश की केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई रेपो रेट में बदलाव कर मनी सप्लाई को नियंत्रित करने की कोशिश करती है। मनी सप्लाई में नियंत्रित कर, वे महंगाई को कम या ज्यादा करने का काम करती है। ऐसी ही ठीक सरकार भी अपने राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) के जरिए नियंत्रित करने का काम करती है।
RBI Repo Rate कितना कम होगा?
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है। ये रिपोर्ट सोमवार यानी आज जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी रेट में होने वाली कटौती से महंगाई यानी CPI (Consumer Price Index) में कमी आ सकती है।
वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 2.4 फीसदी सालाना रह सकती है। इसलिए रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट में अक्टूबर में 0.25 फीसदी और दिसंबर में 0.25 फीसदी कटौती की जा सकती है।
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