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Artificial Intelligence और Machine Learning से होगी बैंकों की निगरानी, RBI ने कर ली है ये बड़ी तैयारी

बैंकों की रियल टाइम डाटा रिपोर्टिंग प्रभावी डाटा प्रबंधन के लिए AI और ML तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। डाटा एनालिटिक्स का उपयोग जोखिम की निगरानी के लिए किया जा रहा है। इसमें तरलता जोखिम बाजार जोखिम और क्रेडिट एक्सपोजर जैसे जोखिम शामिल हैं।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Wed, 05 Oct 2022 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 05:24 PM (IST)
Artificial Intelligence और Machine Learning से होगी बैंकों की निगरानी, RBI ने कर ली है ये बड़ी तैयारी
RBI plans to use artificial intelligence and machine learning to improve regulatory supervision

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक अपने विशाल डाटाबेस का विश्लेषण करने और बैंकों और एनबीएफसी पर निगरानी तंत्र में सुधार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का व्यापक उपयोग करने की योजना बना रहा है। इसके लिए केंद्रीय बैंक बाहरी विशेषज्ञों को भी नियुक्त करने पर विचार कर रहा है।

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RBI पहले से ही सुपरविजन संबंधी कामों में AI और ML का उपयोग कर रहा है। नए कदम के जरिए आरबीआइ यह सुनिश्चित करेगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उसके पर्यवेक्षण विभाग को मिल सके। विभाग सुपरविजन की चीजों के लिए मशीन-लर्न मॉडल विकसित करने के साथ उसका उपयोग भी करने की तैयारी में है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा बैंकों का सुपरविजन

आरबीआई का सुपरविजन क्षेत्राधिकार बैंकों, सहकारी बैंक (यूसीबी), एनबीएफसी, भुगतान बैंक, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र के बैंक, क्रेडिट सूचना कंपनियों और पूरे भारत के वित्तीय संस्थानों तक फैला हुआ है। यह ऑन साइट निरीक्षण और ऑफ-साइट निगरानी की सहायता से ऐसी संस्थाओं की गतिविधियों पर नजर रखता है।

केंद्रीय बैंक ने हाई एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोग में सलाहकारों को शामिल करने के लिए रुचि (ईओआई) दिखाई है। एआई और एमएल एप्लिकेशन के जरिए आरबीआइ अपनी सेवाओं में सुधार करने की योजना बना रहा है। पूरी दुनिया में इस तरह के अनुप्रयोग पहले ही किए जा रहे हैं। इस परियोजना को बाहरी विशेषज्ञों की सहायता से चलाया जाएगा।

सुपरटेक और रेगटेक से बदलेगी बैंकों की सूरत

अन्य बातों के अलावा इसमें चयनित सलाहकार को पर्यवेक्षी फोकस के साथ डेटा का पता लगाने और प्रोफाइलिंग करने की आवश्यकता होगी। दुनिया भर में संस्थाएं पर्यवेक्षी और नियामक गतिविधियों के लिए मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। आमतौर पर इन्हें 'सुपरटेक' और 'रेगटेक' के रूप में जाना जाता है। हालांकि जिन तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनमें से अधिकांश पर अभी प्रयोग चल रहे हैं। ये तकनीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

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