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    लोन लिया और नहीं चुकाई किस्त तो लॉक होगा मोबाइल, रिकवरी के लिए बैकों को बड़ा अधिकार देने की तैयारी- रिपोर्ट

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 06:47 PM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक देश के तमाम बैंकों को लोन की किस्त में चूक पर रिकवरी के लिए मोबाइल फोन को रिमोटली लॉक करने की अनुमति देने की योजना बना रहा है। दो सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुकाता है तो उसका फोन रिमोटली लॉक हो जाएगा।

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    आरबीआई लोन रिकवरी के लिए नई गाइडलाइंस पर कर रहा है काम

    नई दिल्ली। देश में मोबाइल, फ्रीज, टीवी, वॉशिंग मशीन और एसी समेत महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स क्रेडिट कार्ड या लोन पर लेने का चलन बढ़ा है। फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर तो ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स नो कॉस्ट ईएमआई (Loan on No Cost EMI) और लोन पर लिए जाते हैं। अगर आप भी इस त्योहारी सीजन में ऐसा कुछ प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक, देश के तमाम बैंकों को लोन (Bank Loan) की किस्त में चूक पर रिकवरी के लिए मोबाइल फोन को रिमोटली लॉक करने की अनुमति देने की योजना बना रहा है।

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    अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुकाता है तो उसका फोन रिमोटली लॉक हो जाएगा। दो सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी दी है। आरबीआई, बेड एसेट पर अंकुश लगाने के मकसद से यह प्लान बना रहा है। इससे देश के उन करोड़ों ग्राहकों की चिंता बढ़ सकती है जो मोबाइल क्रेडिट कार्ड या लोन पर खरीदते हैं।

    ग्राहकों का मोबाइल डेटा रहेगा सुरक्षित

    सूत्रों ने बताया कि पिछले साल, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों से कहा था कि वे लोन की किस्तों में चूक करने वाले उधारकर्ताओं के फ़ोन लॉक करना बंद करें। दरअसल, इस प्रोसेस में लोन जारी करते समय इंस्टॉल किए गए एक ऐप का इस्तेमाल फ़ोन को लॉक करने के लिए किया जाता था।

    सूत्रों ने बताया कि बैंकों के साथ परामर्श के बाद, आरबीआई कुछ ही महीनों में अपनी SOP को अपडेट करेगा और फ़ोन लॉक करने की व्यवस्था पर दिशा-निर्देश पेश करेगा। उन्होंने बताया कि इन नियमों के तहत लोन लेने वाले ग्राहकों की पूर्व सहमति ली जाएगी, साथ ही बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों के लॉक किए गए फोन का पर्सनल डाटा पूरी तरह सुरक्षित हो।

    छोटे लोन वसूली के लिए यह कदम जरूरी

    इस कवायद के जरिए आरबीआई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बैंकों के पास छोटी-मोटी वसूली करने की शक्ति हो। हालांकि, इस बारे में आरबीआई के प्रवक्ता ने रॉयटर्स के कमेंट का जवाब नहीं दिया। क्रेडिट ब्यूरो सीआरआईएफ हाईमार्क के अनुसार, 1,00,000 रुपये से कम के लोन के डिफ़ॉल्ट होने का जोखिम ज़्यादा होता है, और इनमें से कुछ में चूक की दर सबसे ज़्यादा होती है।