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    RBI Dividend 2025: रिजर्व बैंक ने किया रिकॉर्ड डिविडेंड का ऐलान, जानिए सरकार के खजाने में आएगी कितनी रकम?

    Updated: Fri, 23 May 2025 07:06 PM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर केंद्र सरकार के खजाने को भर दिया है। आरबीआई ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड (RBI Dividend 2025) का भुगतान करेगा। यह भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड भुगतान है।

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    भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार को डिविडेंड के रूप में 2.69 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करेगा।

    नई दिल्ली। देश का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार को डिविडेंड के रूप में 2.69 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। यह भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड (RBI Dividend 2025) भुगतान है। बता दें, भारतीय रिजर्व बैंक की 100 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास है।

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    भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह वित्त वर्ष 2025 के लिए केंद्र सरकार को लाभांश के रूप में 2.69 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। इससे पहले, वित्त वर्ष 2023-24 और 2022-23 में आरबीआई ने सरकार को क्रमशः 2.1 लाख करोड़ रुपये और 87,420 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था।

    खुद सरकार ने अपने बजट में आरबीआई, सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को मिला कर 2.56 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड मिलने का अनुमान जताया था। जबकि अभी बैंकों से मिलने वाला डिविडेंड बाकी है।

    बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष आरबीआई, पीएसबी और अन्य सरकारी वित्तीय संस्थानों से 2.56 लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। इससे ज्यादा आरबीआई ने ही दे दिया। सरकार को बैंकों से भी 50 हजार से 60 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त डिविडेंड के रूप में मिल सकते हैं।

    RBI Dividend 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की कमाई कैसी होती है?

    भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय बैंक होने के नाते कई ऐसी गतिविधियां करता है, जिससे उसे आय मिलती है। इसमें विदेशी मुद्रा की खरीद-बिक्री, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों का प्रबंधन और वीआरआर ऑपरेशन शामिल हैं। हाल के वर्षों में आरबीआई ने रुपयों को समर्थन देने के लिए विदेशी मुद्रा की खरीद-बिक्री बढ़ाई है और इसके चलते उसकी आय भी कई गुना बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि रिजर्व बैंक सरकार को इतनी बड़ी मात्रा में डिविडेंड दे पा रहा है।