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    क्या UPI से लेनदेन पर कटेंगे पैसे, देना होगा चार्ज? ऐसी खबरों पर RBI गवर्नर ने दिया ये जवाब

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 02:54 PM (IST)

    रिज़र्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा नीति के तहत यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ़्त बना रहेगा। इससे पहले उन्होंने पहले कहा था कि यूपीआई लेनदेन से जुड़ी लागतें होती हैं और उन्हें किसी न किसी को चुकाना ही पड़ता है।

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    आरबीआई गवर्नर ने साफ किया कि मौजूदा नीति के तहत यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ़्त बना रहेगा।

    नई दिल्ली। यूपीआई ट्रांजेक्शन (Charges on UPI Transaction) पर चार्ज लगाने की अटकलें कई दिनों से सामने आ रही थीं, लेकिन रिज़र्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने वाले करोड़ों यूजर्स के लिए यह एक बड़ी राहत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा नीति के तहत यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए मुफ़्त बना रहेगा।

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    आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​का बयान सरकार और आरबीआई के इस रुख को पुष्ट करता है कि देश भर में डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपनाने के लिए यूपीआई को जीरो-कॉस्ट वाला प्लेटफ़ॉर्म बनाए रखा जाए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूपीआई लेनदेन लगातार रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुंच रहे हैं। खास बात है कि इससे भारत दुनिया के सबसे बड़े रीयल-टाइम पेमेंट मार्केट के रूप में अपनी स्थिति मज़बूत कर रहा है।

    RBI गवर्नर ने पहले क्या कहा था?

    संजय मल्होत्रा ​​का यह बयान यूपीआई के शून्य-लागत मॉडल की स्थिरता को लेकर नए सिरे से अटकलों के बीच आया है। उन्होंने पहले कहा था कि "यूपीआई लेनदेन से जुड़ी लागतें होती हैं, और उन्हें किसी न किसी को चुकाना ही पड़ता है," और उन्होंने स्वीकार किया कि यूपीआई हमेशा मुफ़्त नहीं रह सकता। हालांकि, आज उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अभी कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।

    यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर इस स्पष्टीकरण के बाद देश की दिग्गज पेमेंट कंपनी पेटीएम के शेयरों में तेजी आ गई और 2 फीसदी तक उछल गए। पूरे डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में यूपीआई लंबे समय से मुफ़्त प्लेटफ़ॉर्म रहा है, और सरकार व आरबीआई डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना चाहती है। पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम अधिनियम और संबंधित दिशा-निर्देश वर्तमान में यूपीआई लेनदेन के लिए उपयोगकर्ताओं या व्यापारियों से शुल्क लेने पर रोक लगाते हैं।

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    बता दें कि इस साल की शुरुआत में संसद में वित्त मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया था कि यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है।