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    कौन कर रहा है रुपये की चाल के साथ छेड़छाड़? RBI ने इन लोगों को बताया जिम्मेदार, इस तरीके से गिरा रहे हैं रुपया

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 06:37 PM (IST)

    आरबीआई, रुपये में आई कमजोरी के लिए 'स्पेक्यूलेटिव अटैक' यानी सट्टेबाजी से जुड़े हमलों को जिम्मेदार मानता है।  हाल के कारोबारी सत्रों में रुपये के 89 प्रति डॉलर के स्तर के करीब पहुंचने से आरबीआई चिंतित है। सूत्र ने कहा कि आरबीआई तब तक हस्तक्षेप करता रहेगा जब तक उसे यह विश्वास न हो जाए कि सट्टेबाजी से जुड़े ट्रेड या हालात समाप्त हो गए हैं।

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    रुपये के 89 प्रति डॉलर के स्तर के करीब पहुंचने से आरबीआई चिंतित है।

    नई दिल्ली। भारतीय रुपये की हालिया कमजोरी को लेकर रिजर्व बैंक का एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि आरबीआई, रुपये में आई कमजोरी के लिए 'स्पेक्यूलेटिव अटैक' यानी सट्टेबाजी से जुड़े हमलों को जिम्मेदार मानता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि जब तक भारतीय करेंसी मजबूत स्तर पर नहीं आ जाती, तब तक वह बाजार में हस्तक्षेप व निगरानी जारी रखेगा।

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    इस सूत्र ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक, रुपये पर ग्लोबल फंड्स मैनेजर्स द्वारा किए गए स्पेक्यूलेटिव अटैक के बाद, दोनों देशों के स्थानीय और विदेशी बाजारों में डॉलर बेच रहा है। पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर इस व्यक्ति ने बताया कि हाल के कारोबारी सत्रों में रुपये के 89 प्रति डॉलर के स्तर के करीब पहुंचने से आरबीआई चिंतित है। केंद्रीय बैंक रुपये को 88.8050 प्रति डॉलर के अपने रिकॉर्ड निचले स्तर को जल्द पार नहीं करने देना चाहता है।

    रुपये में आया सुधार

    ब्लूमबर्ग न्यूज़ की रिपोर्ट के बाद, रुपया शुरुआती कारोबार 88.35 से बढ़कर 88.09 पर पहुंच गया। यह पिछले क्लोजिंग प्राइस 0.8% बढ़कर 88.07 पर बंद हुआ। यह रुपये में लगभग 4 महीने बाद सबसे ज़्यादा बढ़त थी। 

    हफ्तों से रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब

    रुपया हफ़्तों से रिकॉर्ड निचले स्तर के आसपास मंडरा रहा है। आरबीआई द्वारा मुद्रा के बचाव में आक्रामक रुख अपनाने के बाद बुधवार को इसमें लगभग 1% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे पॉलिसी पर पुनर्विचार की अटकलें तेज़ हो गईं।

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    सूत्र ने कहा कि आरबीआई तब तक हस्तक्षेप करता रहेगा जब तक उसे यह विश्वास न हो जाए कि सट्टेबाजी से जुड़े ट्रेड या हालात समाप्त हो गए हैं। हालांकि, इस बारे में केंद्रीय बैंक के प्रवक्ता ने आगे की जानकारी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।