Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'धीरे-धीरे तानाशाह बन रहे ट्रंप', अपने ही घर में घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति; दुनिया के मशहूर हेज फंड मैनेजर ने सुनाई खरी-खरी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 11:29 PM (IST)

    अमेरिकी हेज फंड मैनेजर और ब्रिजवॉटर एसोसिएट्स के फाउंडर रे डेलियो का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां देश को खतरनाक रास्ते पर ले जा रही हैं जो काफी हद तक 1930 के दशक में उभरी तानाशाही सरकारों जैसा है। डेलियो ने कहा कि ट्रंप का बिजनेस और इकोनॉमी में हस्तक्षेप चिंता का विषय है।

    Hero Image
    रे डेलियो अमेरिकी हेज फंड मैनेजर और ब्रिजवॉटर एसोसिएट्स के फाउंडर हैं।

    नई दिल्ली| दुनिया के मशहूर अमेरिकी हेज फंड मैनेजर और ब्रिजवॉटर एसोसिएट्स के फाउंडर रे डेलियो (ray dalio warning) ने अमेरिका की राजनीति को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। उनका कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां देश को खतरनाक रास्ते पर ले जा रही हैं, जो काफी हद तक 1930 के दशक में उभरी तानाशाही सरकारों जैसा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक इंटरव्यू में डेलियो ने कहा कि ट्रंप का बिजनेस और इकोनॉमी (business and economy) में हस्तक्षेप चिंता का विषय है। खासकर तब, जब उन्होंने अचानक इंटेल में 10% हिस्सेदारी ले ली। डेलियो के मुताबिक, 'यह वैसा ही है, जैसा उस दौर में हुआ था जब आर्थिक और सामाजिक अव्यवस्था से जूझते देशों में तानाशाही शासन उभरे थे।'

    यह भी पढ़ें- 690 ट्रांजैक्शन और खरीद डाले ₹8700000000 के बॉन्ड, ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद क्या-क्या खरीदा?

    डेलियो का कहना है कि वॉल स्ट्रीट की चुप्पी ट्रंप के समर्थन की वजह से नहीं है, बल्कि निवेशक और कारोबारी बदले की कार्रवाई के डर से चुप हैं। उन्होंने कहा कि, 'ऐसे दौर में लोग खामोश रहते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि बोलने पर निशाना बनाया जाएगा।'

    ट्रंप खुलेआम प्रेस की आजादी पर हमले कर चुके हैं, राजनीतिक विरोधियों को टारगेट कर चुके हैं और यहां तक कह चुके हैं कि शायद अमेरिकी लोग एक तानाशाह के अधीन रहना पसंद करें।

    फेडरल रिजर्व से भरोसा उठ गया तो...

    डेलियो ने सबसे बड़ी चिंता फेडरल रिजर्व की आजादी पर जताई। हाल ही में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा नियुक्त गवर्नर लिसा कुक को हटा दिया है। इस पर मुकदमा भी चल रहा है।

    डेलियो का मानना है कि अगर फेड अपनी स्वतंत्रता खो देता है, तो डॉलर पर दुनिया का भरोसा हिल सकता है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर फेड पर से विश्वास उठ गया तो अमेरिकी मुद्रा की वैल्यू बचाना मुश्किल होगा।

    यह भी पढ़ें- Trump Impact: तो क्या ट्रंप की वजह से भारत में बढ़ा Cryptocurrency में निवेश, कौन सबसे ज्यादा खरीद रहा?

    '...तो कमजोर पड़ जाता है लोकतंत्र'

    दिलचस्प यह है कि ट्रंप के करीबी माने जाने वाले केविन ओ'लियरी ने भी इंटेल डील पर ऐतराज जताया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, 'मुझे यह विचार बेहद खराब लगता है। अमेरिका की ताकत इसलिए रही है, क्योंकि सरकार अपने दायरे में रहती है और प्राइवेट सेक्टर को आजादी से काम करने देती है।'

    वहीं, डेलियो का कहना है कि उनका मकसद राजनीति करना नहीं, बल्कि इतिहास से सबक दिलाना है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब असमानता, डर और बेकाबू ताकत मिलते हैं, तो लोकतंत्र कमजोर पड़ जाता है।