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    690 ट्रांजैक्शन और खरीद डाले ₹8700000000 के बॉन्ड, ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद क्या-क्या खरीदा?

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 02:41 PM (IST)

    ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद 100 मिलियन डॉलर (करीब 870 करोड़ रुपए) से ज्यादा के बॉन्ड (Trump bond purchase) खरीद डाले हैं। यह खुलासा 33 पन्नों की सरकारी फाइलिंग में हुआ। जिसमें बताया गया कि ट्रंप ने 21 जनवरी के बाद से अब तक 690 ट्रांजैक्शन किए जिसमें 50 मिलियन डॉलर तक के ट्रांजैक्शन शामिल हैं।

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    ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद 100 मिलियन डॉलर के बॉन्ड खरीदे हैं।

    नई दिल्ली | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में वापसी के सिर्फ छह महीने में ही 100 मिलियन डॉलर (करीब 870 करोड़ रुपए) से ज्यादा के बॉन्ड (Trump bond purchase) खरीद डाले हैं। यह खुलासा हाल ही में सामने आई 33 पन्नों की सरकारी फाइलिंग से हुआ है।

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    इन निवेशों से साफ झलकता है कि ट्रंप राष्ट्रपति रहते हुए भी अपनी निजी संपत्ति को मैनेज करने में खास दिलचस्पी ले रहे हैं। अमेरिकी ऑफिस ऑफ गवर्नमेंट एथिक्स (OGE) की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 जनवरी को शपथ ग्रहण से लेकर 1 अगस्त तक ट्रंप ने करीब 690 वित्तीय निवेश किए। इनमें बड़ी कंपनियों और अमेरिकी राज्यों के बॉन्ड शामिल हैं।

    मस्क से मोहभंग, जकरबर्ग की कंपनी में निवेश

    डोनाल्ट ट्रंप ने जिन कंपनियों में निवेश किया है उनमें मेटा (Meta), वेल्ट (Wells), फारगो (Fargo), मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley), सिटीग्रुप (Citigroup), यूनाइटेड हेल्थ (UnitedHealth), टी-मोबाइल (T-Mobile) और होम डिपो (Home Depot) जैसे बड़े नाम शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप का एलन मस्क (Elon Musk) के बजाय मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) की कंपनी में निवेश किया है।

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    अमेरिकी राज्यों के भी खरीदे, बेचा कोई नहीं

    इसके अलावा (Donald Trump) कई अमेरिकी राज्यों के म्यूनिसिपल बॉन्ड भी खरीदे हैं, जिनसे अस्पताल, स्कूल, हवाई अड्डे, पोर्ट और गैस प्रोजेक्ट्स को फंडिंग होती है। रिपोर्ट में हर निवेश की सटीक रकम नहीं बताई गई, बल्कि रेंज दी गई है जैसे 1 लाख से 2.5 लाख डॉलर या 10 लाख से 50 लाख डॉलर तक। इस दौरान ट्रंप ने कोई भी बॉन्ड बेचा नहीं है।

    क्या होता है सरकारी बॉन्ड, कैसे देगा रिटर्न?

    बॉन्ड एक तरह का फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट होता है, जिसमें कोई कंपनी या सरकार निवेशक से पैसे लेकर तय ब्याज देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटाता है, तो ट्रंप के ये निवेश और ज्यादा मुनाफा देंगे, क्योंकि ब्याज दर गिरने पर बॉन्ड की कीमत बढ़ जाती है।

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    ट्रंप ने किया अमेरिकी परंपरा को दरकिनार

    हालांकि अमेरिकी परंपरा के मुताबिक, 1978 के बाद से अब तक राष्ट्रपति बनने वाले नेता अपनी निजी निवेश संपत्ति से खुद को अलग रखते आए थे। लेकिन ट्रंप ने यह नियम नहीं माना और अपने बिजनेस की बागडोर बच्चों के ट्रस्ट को सौंप दी।

    इस पर कई बार हितों के टकराव (Conflict of Interest) का सवाल उठ चुका है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, ट्रंप की कुल संपत्ति इस वक्त लगभग 6.4 बिलियन डॉलर यानी करीब 55 हजार करोड़ रुपए आंकी गई है।