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    सरकारी बैंकों का मर्जर, बढ़ेगी FDI लिमिट, बड़े बैंकिंग रिफॉर्म पर फैसले की तैयारी, PMO के पास पहुंचे प्रस्ताव

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 06:57 PM (IST)

    PMO आम बजट से पहले सरकारी बैंकों में पॉलिसी रिफॉर्म को लेकर बड़े प्रस्तावों की समीक्षा करने वाला है। इन सुधारों में नए सिरे से बैंकों का मर्जर, बोर्ड की स्वायत्तता में बढ़ोतरी और FDI लिमिट में सिस्टेमेटिक तरीके से वृद्धि के प्रस्ताव शामिल हैं। इससे पहले सरकार 2017 और 2019-20 में कुछ सरकारी बैंकों का मर्जर कर चुकी है।

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    नई दिल्ली। बिहार चुनाव के बाद केंद्र सरकार पॉलिसी रिफॉर्म को लेकर फिर से सक्रिय हो गई है। इसी कड़ी में सरकार, पीएसयू बैंकों के मर्जर (PSU Banks Merger) की दिशा में आगे बढ़ रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय आम बजट से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में पॉलिसी रिफॉर्म को लेकर बड़े प्रस्तावों की समीक्षा करने वाला है। वित्तीय सेवा विभाग द्वारा तैयार किए गए इन सुधारों में नए सिरे से बैंकों का मर्जर, बोर्ड की स्वायत्तता में बढ़ोतरी और FDI लिमिट में सिस्टेमेटिक तरीके से वृद्धि के प्रस्ताव शामिल हैं। इसके अलावा, चुनिंदा सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा को लेकर भी बड़े ऐलान हो सकते हैं।

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    रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार, पीएसयू बैंक में 20 फीसदी की वर्तमान FDI लिमिट को बढ़ाकर 49% करने की योजना पर विचार कर रही है। इसके साथ ही सरकार 6 साल के लंबे अंतराल के बाद पीएसयू बैंकों में सुधार के अपने प्रयासों को फिर से शुरू कर सकती है, जिसका मकसद दुनिया के टॉप 20 बैंकों में 2 भारतीय बैंकों को शामिल करना है। इस मामले को लेकर इंटर-मिनिस्ट्रियल कंस्लटेशन पूरा होने वाला है, और प्राइम मिनिस्टर ऑफिस की आगामी समीक्षा के बाद, बजट से पहले इस पर फैसला लिए जाने की उम्मीद है।

    बैंकों के मर्जर से क्या फायदे

    इससे पहले सरकार 2017 और 2019-20 में कुछ सरकारी बैंकों का मर्जर कर चुकी है, जिसके बाद PSU बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है। मार्केट एनालिस्ट का मानना है कि बैंकों का मर्जर होने से बैंकों की बैलेंस सीट मजबूत होगी और बैंक भारत की बढ़ती लोन डिमांड को पूरा करने में ज्यादा सक्षम होंगे।

    बैंकों के मर्जर और विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाए जाने से जुड़ी खबरें पिछले कुछ महीनों से लगातार सामने आ रही है, जिसके चलते सरकारी बैंक शेयरों में काफी हलचल देखने को मिल रही है। 3 महीने के अंदर एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत अन्य सरकारी बैंक शेयर 20 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए हैं।

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    खास बात है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के स्टॉक ने अपना ऑल टाइम हाई लगा दिया है। अगर प्रधानमंत्री कार्यालय से इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है तो सरकारी बैंक शेयरों में और बड़ी तेजी आ सकती है।

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