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    दो सरकारी बैंकों को 20 सबसे बड़े बैंकों में शामिल करने की तैयारी, बैंकिंग सुविधाओं में होगा बड़ा बदलाव

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 06:56 AM (IST)

    वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के निर्माण को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। इस क्रम में देश के दो सरकारी बैंकों को दुनिया के शीर्ष 20 बैंकों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का स्थान संपदा के हिसाब से 43वां है।

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    दो सरकारी बैंकों को 20 सबसे बड़े बैंकों में शामिल करने की तैयारी (सांकेतिक तस्वीर)

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के निर्माण को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है।

    इस क्रम में देश के दो सरकारी बैंकों को दुनिया के शीर्ष 20 बैंकों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का स्थान संपदा के हिसाब से 43वां है। भारत का एक भी बैंक दुनिया के पहले 20 बैंकों में शामिल नहीं है।

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    सरकारी बैंकों की भूमिका तेजी से बदलने वाली है

    शुक्रवार को वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव के नेतृत्व में सभी सरकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक व अन्य प्रबंधकीय अधिकारियों के साथ मंथन 2025 की शुरुआत की गई जो शनिवार तक जारी रहेगा।

    वित्त मंत्रालय सूत्रों के भविष्य में सरकारी बैंकों की भूमिका तेजी से बदलने वाली है। देश की जरूरतें बदल रही है। 2047 तक भारत विकसित देश बनने जा रहा है तो बैंकों को भी बड़ा बदलाव करना होगा।

    बैंकिंग सुविधा देने पर मंथन में विस्तृत चर्चा

    सूत्रों के मुताबिक ग्राहकों को विकसित देशों की तरह बैंकिंग सुविधा देने पर मंथन में विस्तृत चर्चा की गई। इसके लिए सभी बैंकों से उन कारणों पर गौर करने के लिए कहा गया है जहां ग्राहक असंतुष्ट रह जाते हैं।

    ग्राहकों के फीडबैक और उनकी असंतुष्टि से जुड़े डाटा को खंगालने के लिए कहा गया है। सभी बैंकों में ग्राहकों के लिए एक प्रकार के नियम पर भी चर्चा की गई। अभी अलग-अलग बैंकों में ग्राहक सेवा से जुड़े अलग-अलग नियम है। निजी बैंकों को भी ग्राहकों से जुड़ी सेवा को आसान करने बनाने के लिए कहा जा रहा है।

    कृषि सेक्टर के लिए फंडिंग में बढ़ोतरी के लिए कहा

    मंथन में सभी बैंकों को एमएसएमई और कृषि सेक्टर के लिए फंडिंग में बढ़ोतरी के लिए कहा गया। बैंकिंग सेक्टर में बदलाव के लिए इससे पहले दो बार मंथन का आयोजन किया जा चुका है।