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    2 हजार का नोट छापने के पक्ष में नहीं थे पीएम मोदी, न चाहते हुए भी सरकार को लेना पड़ा था फैसला

    By Rammohan MishraEdited By: Rammohan Mishra
    Updated: Mon, 22 May 2023 09:53 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी 2000 रुपये के नोट के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे लेकिन उन्होने अनिच्छा से इसके लिए अपनी सहमति दी थी। नृपेंद्र मिश्रा का ये बयान भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है। (फाइल फोटो)।

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    PM Modi was not in favour of Rs 2000 notes

    नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। हाल ही में 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करना का फैसला किया गया है। देश के नागरिकों से 30 सितंबर तक उन्हें बदलने के लिए कहा गया है। इसको लेकर 2016 में नोटबंदी के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा ने एक बयान दिया है।

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    उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2,000 रुपये के नोट के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे, लेकिन उन्होने अनिच्छा से इसके लिए अपनी सहमति दी थी। नृपेंद्र मिश्रा का ये बयान भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है।

    इसके पक्ष में नहीं थे पीएम

    समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम मोदी 2,000 रुपये के नोटों के पक्ष में बिल्कुल नहीं थे। लेकिन सीमित समय में विमुद्रीकरण किया जाना था, इसलिए उन्होंने इसके लिए अनिच्छा से अनुमति दी थी। मिश्रा ने कहा, "पीएम मोदी ने कभी भी 2,000 रुपये के नोट को गरीबों के नोट के रूप में नहीं माना, उन्हें पता था कि 2,000 रुपये का लेन-देन मूल्य के बजाय जमाखोरी मूल्य है।"

    जमाखोरी बढ़ने का था अंदेशा

    नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम मोदी को लगता था कि कोशिश काले धन से निपटने की है और अगर बड़ा नोट आता है तो जमाखोरी करने की क्षमता बढ़ जाएगी। इसलिए प्रधानमंत्री मंत्री सिद्धांत रूप में इसके खिलाफ थे लेकिन व्यावहारिक विचारों के लिए वे अनिच्छा से सहमत हो गए। जब उन्हें करेंसी नोट छापने की क्षमता के बारे में बताया गया और पता चला कि अगर दो-तीन शिफ्ट भी हो जाती हैं, तो भी लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता है।

    ऐसे में एकमात्र विकल्प बचा था कि सीमित अवधि के लिए 2000 रुपये के नोट को छापा जाए। मिश्रा ने कहा कि उनके दिमाग में कोई संदेह नहीं था कि भविष्य में पर्याप्त क्षमता होने पर 2000 रुपये के नोट को बंद कर दिया जाना चाहिए।