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    PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले कृषि मंत्री ने दिया बड़ा तोहफा, इन किसानों के खाते में आएगा पैसा!

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 07:51 PM (IST)

    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले उत्तर प्रदेश और गुजरात के किसानों को दलहन और तिलहन की फसल खरीदने का तोहफा दिया है। सरकार ई-समृद्धि और ई-संयुति पोर्टल के माध्यम से किसानों से उड़द अरहर मूंग तिल सोयाबीन और मूंगफली खरीदेगी। किसानों को उनकी फसल का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा।

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    किसानों को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा तोहफा, UP-गुजरात से दलहन और तिलहन की खरीद को मिली मंजूरी

    नई दिल्ली। PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। मंगलवार को उन्होंने इस वर्ष उत्तर प्रदेश और गुजरात से प्रमुख खरीफ दलहन और तिलहन की खरीद को मंजूरी दे दी। यानी अब इन दो राज्यों के किसान भाई सरकार को अपनी दलहन और तिलहन की फसल बेच सकते हैं।

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    उत्तर प्रदेश और गुजरात के कृषि मंत्रियों सूर्य प्रताप शाही और राघवजी पटेल के साथ एक वर्चुअल बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्णय लिया। ये खरीद सीधे  ई-समृद्धि और ई-संयुति पोर्टल के जरिए होगी और खरीद का पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा।

    UP से कितनी दलहन और तिलहन खरीदेगा केंद्र

    एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में लगभग 2.27 लाख टन उड़द (काला चना), 1.13 लाख टन अरहर, 1,983 टन मूंग (हरा चना), 30,410 टन तिल और 99,438 टन मूंगफली की खरीद करने पर सहमति व्यक्त की।

    गुजरात से क्या खरीदेगा केंद्र

    गुजरात में, केंद्र ने 47,780 टन उड़द, 4,415 टन मूंग, 1.09 लाख टन सोयाबीन और 12.62 लाख टन मूंगफली खरीदने पर सहमति जताई।

    कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "खरीफ 2025-26 के लिए पहले अग्रिम अनुमान जारी होने के बाद, किसानों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए, आवश्यकतानुसार स्वीकृत मात्रा में संशोधन किया जा सकता है।"

    उन्होंने कहा कि प्रत्येक पात्र किसान को डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से सरकारी दर पर फसल बेचने और समय पर भुगतान प्राप्त करने का अधिकार मिलेगा।

    सीधे बैंक खातों में आएगा पैसा

    खरीद एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ को किसानों का पूर्व-पंजीकरण शुरू करने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पंजीकृत किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी उपज बेचें। ई-समृद्धि और ई-संयुति पोर्टल पर खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे बैंक खातों में सीधे भुगतान संभव होगा।

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