Explainer: 4.5 ट्रिलियन डॉलर का One Big Beautiful Bill क्या है? इसमें क्या प्रावधान? भारत पर क्या असर? जानें हर डिटेल
One Big Beautiful Bill अमेरिकी सीनेट में वन बिग ब्यूटीफुल बिल पास हो गया। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 4.5 ट्रिलियन डॉलर का महात्वाकांक्षी बिल है जो टैक्स कट सैन्य खर्च बॉर्डर सिक्योरिटी और बेसिक स्ट्रक्चर को मजबूत करेगा। बिल में 3.3 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज और मेडिकेड कटौती की आलोचना हो रही है। ट्रंप इसे 4 जुलाई तक कानून बनाना चाहते हैं।
नई दिल्ली | अमेरिकी सीनेट में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का "वन बिग ब्यूटीफुल बिल" (One Big Beautiful Bill) पास हो गया। जिसे लेकर नई बहस छिड़ गई है। जहां रिपब्लिकन इसे 'परिवार और विकास' वाला बिल बता रहे हैं तो वहीं डेमोक्रेट्स ने इसे 'अमीरों को फायदा, गरीबों को झटका' वाला करार दिया है। एक अमेरिकी संस्था का मानना है कि यह बिल अगले 10 साल में 3.3 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज बढ़ाएगा।
अब सवाल यह है कि आखिर क्या है One Big Beautiful Bill, जिसे पास कराने के लिए ट्रंप को एड़ी- चोटी का जोर लगाना पड़ा। इस बिल में कैसे-कैसे आर्थिक प्रावधान हैं? इससे किसे फायदा और किसे नुकसान होगा? और सबसे अहम बात यह है कि आखिर इसका भारत पर क्या असर पड़ने वाला है? तो चलिए समझते हैं..
क्या है One Big Beautiful Bill ?
यह बिल राष्ट्रपति Donald Trump का महात्वाकांक्षी बिल है, जो एक जुलाई को सीनेट में 51-50 वोट से पास हुआ। 4.5 ट्रिलियन डॉलर का यह बिल 2017 के टैक्स कटौती को स्थाई करता है। साथ ही 2028 तक टिप्स और ओवरटाइम पर टैक्स खत्म करता है। इसके अलावा, सीनियर्स के लिए 6,000 डॉलर टैक्स डिडक्शन की अनुमति देता है। इसमें चाइल्ड टैक्स क्रेडिट 2,200 डॉलर तक बढ़ाया गया है। बिल में बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए 350 बिलियन डॉलर, जिसमें 46 बिलियन डॉलर दीवार और 45 बिलियन डॉलर डिटेंशन बेड्स के लिए शामिल किए गए हैं।
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इसमें मेडिकऐड-फूड असिस्टेंस में कटौती की गई है और डेट सीलिंग में 5 ट्रिलियन डॉलर बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। यानी आसान शब्दों में कहें तो यह बिल टैक्स कट, सैन्य खर्च, बॉर्डर सिक्योरिटी और बेसिक स्ट्रक्चर को मजबूत करेगा। हालांकि, ट्रंप के इस बिल में 3.3 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज और मेडिकऐड कटौती की आलोचना हो रही है। ट्रंप इसे 4 जुलाई तक कानून बनाना चाहते हैं।
किसे फायदा?
1. अमीर और हाई‑इनकम वाले परिवारः इन्वेस्ट और इनकम में टैक्स की कटौती से इन परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। Tax Policy Center के अनुसार, 2026 में हर हाई‑इनकम होमहोल्ड को औसतन 2,600 डॉलर यानी करीब 2 लाख 23 हजार रुपए की बचत होगी।
2. बच्चों वाले परिवार: बचत के रूप में चाइल्ड टैक्स क्रेडिट 2,000 डॉलर (करीब 1.71 लाख रुपए) से बढ़कर 2,200 डॉलर (करीब 1.88 लाख रुपए) पर रहेगा, जो परिवारों के लिए मददगार साबित होगा।
3. पेट्रोल ड्राइविंग कार कंपनियांः EV यानी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 7,500 डॉलर (करीब 6.43 लाख रुपए) क्रेडिट खत्म होने से पेट्रोल-कारों की मांग बढ़ सकती है।
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किसे नुकसान?
1. MedicAid और SNAP : MedicAid यानी सरकारी स्वास्थ्य बीमा में कटौती के चलते करीब 12 मिलियन अमेरिकी परिवारों का स्वास्थ्य बीमा रद्द हो सकता है। वहीं Supplemental Nutrition Assistance Program यानी खाद्य सहायता पर 10 साल में 68.6 बिलियन डॉलर (करीब 58,77 करोड़ रुपए) की कटौती होगी। इन पर निर्भर करीब 40-42 मिलियन लोग खाने के लिए संघर्ष कर सकते हैं।
2. Electric car industry : टैक्स क्रेडिट खत्म होने से एलन मस्क की Tesla जैसी EV कंपनियों की बिक्री पर असर पड़ेगा। इससे ईवी सेक्टर में जॉब कटौती हो सकती है। साथ ही निवेश में भी गिरावट देखने को मिलेगी।
3. Clean energy projects : क्लीन एनर्जी टैक्स ब्रेक्स को कम करना इन सेक्टरों में निवेश और रोज़गार दोनों को बड़ा झटका दे सकता है।
अमेरिका पर आर्थिक और राजनैतिक असर!
1. घाटा और कर्ज: कांग्रेसनल बजट ऑफिस यानी CBO के अनुमान के मुताबिक, यह बिल अगले 10 साल में करीब 3.3 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज और बढ़ाएगा। जिसका असर पूरे अमेरिका पर पड़ेगा।
2. राजनीतिक झटकाः रिपब्लिकन इसे 'परिवार और विकास' वाला बिल बता रहे हैं। लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसे 'अमीरों को फायदा, गरीबों को झटका' वाला बिल करार दिया है। माना जा रहा है कि यह मुद्दा 2026 के मध्यावधि चुनावों में भी जोर पकड़ सकता है।
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भारत और बाकी देशों पर क्या असर?
बिल का सबसे बड़ा असर रेमिटेंस टैक्स पर पड़ेगा। जिसे 3.5% से घटाकर 1% कर दिया गया है। इसमें बैंक अकाउंट्स, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए भेजे गए अमाउंट को पूरी तरह छूट दी गई है। लेकिन अगर आप नकद, मनी ऑर्डर, कैशियर चेक या अन्य समान भौतिक साधनों के जरिए पैसे भेजते हैं तो आपको इसके लिए 1% का टैक्स चुकाना पड़ेगा। अब समझते हैं कि देश पर और क्या-क्या असर पड़ेगा?
1. वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबावः अमेरिका का कर्ज बढ़ने से डॉलर की वैल्यू पर दबाव बनेगा। जिसके चलते भारत समेत कई देशों की करंसी में गिरावट आ सकती है।
2. परिवर्तन ऊर्जा निवेश और टेक्नोलॉजी ट्रेंडः अगर क्लीन एनर्जी में निवेश घटा तो वैश्विक तकनीक और इन्वेस्टमेंट फ्लो प्रभावित होगा। जिसका सीधा असर भारत के सोलर विंड प्रोजेक्ट्स पर पड़ सकता है।
3. सप्लाई चेन और व्यापारः EV चिप्स और बैटरी सामग्री की मांग घटने से चीन-भारत की सप्लाई चेन पर भी असर पड़ेगा। इससे भारत को नया मार्केट खोजना पड़ सकता है।
यानी कुल मिलाकर ट्रंप का One Big Beautiful Bill अमेरिका में आर्थिक असंतुलन ला रहा है। जहां एक और आर्थिक ढील से अमीरों की जेब भरेगी तो वहीं सामाजिक नीतियों में कटौती से गरीबों पर संकट गहराएगा। वैश्विक स्तर पर भी यह मानव स्वास्थ्य, क्लीन एनर्जी और सप्लाई नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है। जिसका असर भारत पर भी पड़ेगा।
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