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    इस लड़के ने बनाई दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी, मजबूरन 5 साल की उम्र में छोड़ना पड़ा था देश; बर्तन तक धोए

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:07 PM (IST)

    NVIDIA, दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी (What exactly does Nvidia do) बन गई है, जिसने 5 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट वैल्युएशन पार किया है। इसे सबसे पावरफुल बनाने में ताइवान में जन्मे जेनसन हुआंग का हाथ है। जिनका बचपन संघर्षों से भरा रहा। मजबूरन थाईलैंड छोड़ 5 साल की उम्र में अमेरिका आना पड़ा। अमेरिका में आए तो अंग्रेजी अच्छी करने के लिए रोजाना 10 मीनिंग याद किया करते हैं। करियर के शुरुआती समय में डिशवाशर तक भी काम किया।

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    नई दिल्ली। दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी एनवीडिया की खबरों ने सबका ध्यान खींचा है। हाल हीं में कंपनी ने एतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। दुनिया में पहली किसी कंपनी ने 5 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट वैल्युएशन को पार कर लिया है और ऐसा करने वाली पहली कंपनी बन गई है। यह भारत और जापान की जीडीपी से भी ज्यादा है।

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    पिछले कुछ सालों से सिलिकॉन वैली में एनवीडिया (Is Nvidia a Japanese company) बहुत लोकप्रिय हो लेकिन इसी बनाने वाले मालिक का जीवन बहुत संघर्ष में बीता। एक प्रवासी बच्चे से लेकर दुनिया की सबसे मूल्यवान चिप बनाने वाली कंपनी के मुखिया बनने तक का उनका सफर कड़ी मेहनत, जोखिम उठाने की हिम्मत और अटूट विश्वास का प्रतीक है। तो चलिए एनवीडिया (NVIDIA) के CEO जेनसन हुआंग के बारे में जानते हैं।

    बचपन और शुरुआती जीवन

    जेनसन हुआंग का जन्म ताइवान में हुआ। जब वे पांच साल के थे, उनका परिवार उनके पिता के रिफाइनरी से जुड़े काम के चलते 1968 में थाईलैंड चला गया। वहां उन्होंने रुआमरुडी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की। हालांकि, वियतनाम युद्ध के चलते क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही थी, इसलिए उनके माता-पिता मजबूरन अमेरिका जाने का निर्णय लिया।

    अमेरिका में रहना और वहां नौकरी करने के लिए अंग्रेजी बहुत जरूरी थी। जेनसन हुआंग की अंग्रेजी बहुत कमजोरी थी। उन्होंने इंग्लिश ठीक करने के लिए हर दिन 10 नए शब्द अंग्रेजी के शब्द याद किए। जब जेनसन नौ साल के हुए, तो वे और उनका बड़ा भाई टकोमा, वॉशिंगटन में अपने चाचा के साथ रहने चले गए, जबकि उनके माता-पिता बाद में ओरेगन आकर परिवार से जुड़े।

    डिशवॉशर से शुरुआत

    किशोरावस्था में हुआंग ने अमेरिकी डाइनर चेन डैनीज (Denny’s) में काम किया। उन्होंने डिशवॉशर, बसबॉय और वेटर जैसी नौकरियां कीं। यही अनुभव, जिसे वे आज भी अपने LinkedIn प्रोफाइल पर गर्व से दिखाते हैं।

    जेनसन हुआंग की लव स्टोरी

    हुआंग ने ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। जहां उनकी मुलाकात उनकी लोरी से हुई और उनको उनसे प्यार हो गया। वह उनकी लैब पार्टनर थीं। बाद में उन्होंने AMD और LSI Logic में काम किया और 1993 में दो साथियों क्रिस मलाकोव्स्की और कर्टिस प्रीम के साथ मिलकर NVIDIA की स्थापना की। जेनसन हुआंग की बाद में लोरी से शादी हुई।

    दिलचस्प बात यह है कि एनवीडिया का जन्म एक Denny’s रेस्तरां की बूथ पर हुआ। वही जगह जहां हुआंग कभी डिशवॉशर के रूप में काम करते थे। आज उस बूथ पर एक प्लेट लगी है जिस पर 'The NVIDIA Booth - The booth that launched a trillion-dollar company' लिखा है। इसका मतलब NVIDIA बूथ - वह बूथ जिसने एक ट्रिलियन डॉलर की कंपनी को लॉन्च किया। हालांकि यह अब 5 ट्रिलियन तक पहुंच गई है।

    0% संभावना, 100% दृढ़ता

    हुआंग ने कई बार कहा है कि एनवीडिया (Nvidia palantir, Nvidia nokia) की शुरुआत में कंपनी की सफलता की 'लगभग 0% संभावना' थी। 1996 में कंपनी के पास सिर्फ 30 दिनों के वेतन के बराबर पैसे बचे थे। उस कठिन दौर में हुआंग ने एक साहसिक निर्णय लिया टीम का आधा हिस्सा घटाया और आखिरी बची पूंजी नए ग्राफिक्स चिप पर दांव लगा दी। जिसके बाद RIVA 128 चिप ने चार महीने में दस लाख यूनिट बेचकर कंपनी को बचा लिया।

    तब से हुआंग का सफलता मंत्र 'हमारी कंपनी दिवालिया होने से सिर्फ तीस दिन दूर है।' बन गया। यह भावना आज भी एनवीडिया की संस्कृति में गहराई से बसी है।

    एनवीडिया का वर्क कल्चर

    जेनसन हुआंग 1993 से अब तक एनवीडिया के सीईओ हैं। वे खुद को कभी 'लीडर' के रूप में नहीं, बल्कि टीम का हिस्सा मानते हैं। वे पदानुक्रम (Hierarchy) से नफरत करते हैं और कर्मचारियों से सीधे छोटे ईमेल के जरिए संवाद करना पसंद करते हैं।

    एनवीडिया में असफल प्रोजेक्ट्स को छिपाया नहीं जाता, बल्कि उनसे सीखा जाता है। हुआंग ने 'फेल्योर प्रेजेंटेशन' की परंपरा शुरू की, जहां टीम बताती है कि क्या गलत हुआ और क्यों हुआ।

    NVIDIA's Journey

    रिश्तेदारी और विनम्रता

    कम ही लोग जानते हैं कि हुआंग की रिश्तेदारी AMD की सीईओ लिसा सू से है। वे दोनों पहले चचेरे भाई-बहन हैं। हालांकि, दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी हैं और एक-दूसरे के प्रति पेशेवर सम्मान रखते हैं।

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    आज का जेनसन हुआंग

    आज 61 वर्षीय हुआंग का नेटवर्थ $111 बिलियन से अधिक है, लेकिन वे अब भी अपनी विनम्र शुरुआत को याद रखते हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनके 'डिशवॉशर से सीईओ' बनने की कहानी को प्रेरणा के रूप में साझा कर रहे हैं। जैसा कि एक उपयोगकर्ता ने लिखा, 'जेनसन हुआंग की कहानी बताती है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है, बस दृष्टिकोण बड़ा होना चाहिए।'