Noida vs Greater Noida: दोनों में किसकी डिमांड, कौन ज्यादा बेहतर? कनेक्टिविटी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तक समझें सबकुछ
दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही। इस वक्त सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यही है कि घर या निवेश के लिए कौन बेहतर है- नोएडा या ग्रेटर नोएडा (Noida vs Greater Noida Real Estate)? खासकर दिल्ली नोएडा और ग्रेटर नोएडा में काम करने वाले प्रोफेशनल्स और फैमिली वालों के लिए यह फैसला बेहद अहम हो जाता है।

नई दिल्ली| नोएडा या फिर ग्रेटर नोएडा... दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि घर कहां खरीदें या फिर निवेश कहां करें? क्योंकि, दोनों ही जगहों पर रियल एस्टेट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। कहीं प्रीमियम प्रोजेक्ट्स और मेट्रो कनेक्टिविटी का जलवा है, तो कहीं बड़े प्लॉट और किफायती दामों का मौका।
ऐसे में खरीदार और निवेशक कन्फ्यूज हैं कि किस जगह से ज्यादा फायदा (Noida vs Greater Noida Real Estate) मिलेगा। तुरंत रिटर्न चाहिए या फिर लंबी अवधि के लिए निवेश करना है तो क्या ज्यादा बेहतर है? तो इस बारे में बता रहे हैं जेनिका वेंचर्स के डायरेक्टर नूर आलम खान। चलिए समझते हैं कि कनेक्टिविटी से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रॉपर्टी वैल्यू तक दोनों में आपके लिए क्या ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
Noida: प्रीमियम और बेहतरीन कनेक्टिविटी
नोएडा पहले से विकसित है। यहां मेट्रो कनेक्टिविटी अच्छी है। दिल्ली से पास है और कमर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत है। यही वजह है कि यहां प्रॉपर्टी की कीमतें ज्यादा हैं और रेंटल डिमांड भी लगातार बनी रहती है। आईटी हब वाले सेक्टर 62, लग्जरी प्रोजेक्ट्स वाला सेक्टर 150 और तेजी से विकसित हो रहे सेक्टर 75 अभी हॉट स्पॉट माने जा रहे हैं।
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Greater Noida: अफोर्डेबल और बड़े प्लॉट्स
ग्रेटर नोएडा की सबसे बड़ी खासियत है यहां का अफोर्डेबल हाउसिंग मार्केट। यहां जमीन सस्ती मिलती है और घर बड़े-बड़े साइज में। बजट सेगमेंट और पहली बार घर खरीदने वालों के लिए यह जगह परफेक्ट है। यहां अल्फा-1, ओमेगा-1 और ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) में तेजी से डेवलपमेंट हो रहा है।
लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा कहां?
दोनों शहरों में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट चल रहे हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway), एक्वा लाइन मेट्रो और सबसे बड़ा गेम चेंजर है- जेवर एयरपोर्ट (Jewar International Airport)। नोएडा में इन प्रोजेक्ट्स का असर प्रॉपर्टी प्राइस पर पहले ही दिख रहा है। ग्रेटर नोएडा अभी शुरुआती फेज में है, इसलिए यहां लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की संभावना ज्यादा है।
किसके लिए कौन सा बेहतर?
अगर आप जल्दी रिटर्न और मजबूत रेंटल इनकम चाहते हैं, तो नोएडा बेहतर है। यहां कॉर्पोरेट ऑफिस, आईटी पार्क और मल्टीनेशनल कंपनियां हैं, जिससे नौकरीपेशा लोगों की डिमांड बनी रहती है। वहीं, अगर आपका फोकस लंबी अवधि का निवेश है, अफोर्डेबल हाउसिंग या बड़े टाउनशिप प्रोजेक्ट्स में दांव लगाना है, तो ग्रेटर नोएडा स्मार्ट चॉइस हो सकता है।
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कमर्शियल प्रॉपर्टी का भविष्य
नोएडा पहले से ही कमर्शियल हब है। सेक्टर 62, 63, 125 और 142 में बड़े आईटी पार्क और को-वर्किंग स्पेस मौजूद हैं। ग्रेटर नोएडा अभी इस मामले में पीछे है, लेकिन फिल्म सिटी और जेवर एयरपोर्ट शुरू होने के बाद यहां कमर्शियल बूम की उम्मीद है।
निवेश से पहले बरतें सावधानी
दोनों ही जगह निवेश से पहले खरीदारों को सावधानी बरतनी चाहिए। केवल RERA अप्रूव्ड प्रोजेक्ट्स में ही पैसा लगाएं। बिल्डर की क्रेडिबिलिटी जरूर चेक करें और सभी डॉक्यूमेंट्स ठीक से मिलाएं। यानी अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहकर प्रॉपर्टी खरीदने का सोच रहे हैं, तो नोएडा और ग्रेटर नोएडा दोनों ही अच्छे ऑप्शन हैं। फर्क सिर्फ आपके बजट और निवेश के लक्ष्य का है।
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