जिस चंद्रशेखरन ने Tata Group को नई ऊंचाई पर पहुंचाया, उसी के खिलाफ हुए नोएल टाटा, आखिर क्यों खफा हुए नए चेयरमैन?
टाटा ग्रुप में नेतृत्व परिवर्तन (Tata Group Leadership) की चर्चा है। रतन टाटा के बाद नोएल टाटा ने कमान संभाली थी फिर नटराजन चंद्रशेखरन चेयरमैन बने। अब नोएल टाटा ने लीडरशिप फ्रेमवर्क पेश किया है जिसमें चेयरमैन की भूमिका को तीन पदों में विभाजित करने का सुझाव है। वह चंद्रशेखरन को 2027 के बाद चेयरमैन पद पर नहीं देखना चाहते पर कुछ ट्रस्टी इससे सहमत नहीं।

नई दिल्ली। रतन टाटा (Ratan Tata) के बाद टाटा ग्रुप की कमान नोएल टाटा (Noel Tata) के पास आई। वहीं साल 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) टाटा संस के चेयरमैन बने। पर अब टाटा का बोर्ड बंटता हुआ दिख रहा है।
दरअसल टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा ने टाटा संस के लिए एक नया लीडरशिप फ्रेमवर्क पेश किया है, जिसमें चेयरमैन की भूमिका को तीन पदों (सीईओ, एमडी और डिप्टी सीईओ) में विभाजित करने का सुझाव दिया गया है। इतना ही नहीं नोएल नहीं चाहते कि चंद्रशेखरन 2027 में अपने मौजूदा पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी टाटा संस के चेयरमैन पद पर बने रहें।
क्या होने जा रहा टाटा ग्रुप की लीडरशिप में बड़ा बदलाव?
इस समय टाटा संस का नेतृत्व पूरी तरह से चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन कर रहे हैं। उनका कार्यकाल 2027 में समाप्त होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोएल इसके बाद लीडरशिप में बदलाव चाहते हैं और उन्होंने चंद्रशेखरन को अन्य पदों के साथ नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में भी बने रहने का प्रस्ताव रखा है। हालाँकि, कुछ ट्रस्टियों के विरोध के बाद यह योजना फिलहाल रुक गई है।
क्या चाहते हैं ट्रस्टी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ट्रस्टी नोएल के इस फैसले के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि उन्हें टाटा संस के चेयरमैन के रूप में चंद्रशेखरन को तीसरा कार्यकाल भी दिया जाए। उनकी डिमांड तब है जबकि 2027 में चंद्रशेखरन 65 साल के हो जाएंगे और उनकी आयु रिटायरमेंट उम्र को पार कर जाएगी।
क्या रही हैं चंद्रशेखरन की उपलब्धियां
फरवरी 2017 में टाटा संस का चेयरमैन बनने के बाद चंद्रशेखरन ने 30,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कर्ज घटाया, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स जैसी कई ग्रुप कंपनियों को प्रॉफिट में लेकर आए, डिजिटल, एविएशन और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में निवेश को भी संभाला।
एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल में ग्रुप के रेवेन्यू और प्रॉफिट में शानदार वृद्धि हुई, एयर इंडिया को खरीदा गया और पुनर्विकास, "वन टाटा" रणनीति को लागू किया गया और सेमीकंडक्टर और बैटरी गीगा-फैक्ट्रियों जैसे नए क्षेत्रों में एंट्री हुई।
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और क्या-क्या है जिम्मेदारी
टाटा संस के अलावा, चंद्रशेखरन कई प्रमुख टाटा कंपनियों के बोर्ड के भी चेयरमैन हैं। इनमें टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, एयर इंडिया, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और इंडियन होटल्स शामिल हैं। वे टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, एग्रेटास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस और बी20 ग्लोबल इंस्टीट्यूट समेत कई अन्य कंपनियों की भी लीड करते हैं।
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