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    New GST Rates: 5 रुपए का बिस्किट अब ₹4.47 और 2 वाला शैंपू ₹1.77 का; जीएसटी से राहत तो मिली, पर आ गई ये मुसीबत!

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 02:56 PM (IST)

    New GST Rates का असर सबसे ज्यादा 5 और 10 रुपए वाले पारले जी जैसे बिस्किट्स पर पड़ा। दो दशक से भी ज्यादा समय से 5 रुपए में मिलने वाला छोटा पैक अब 4.47 का हो गया। अब दिक्कत ये है कि दुकानदार आपको बाकी के 53 पैसे लौटाए कैसे? यही हाल दूसरे प्रोडक्ट्स का है। अब सवाल यह है कि इसका हल कैसे निकलेगा?

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    5 रुपए का बिस्किट अब ₹4.47 और 2 वाला शैंपू ₹1.77 का; राहत तो मिली, पर आ गई ये मुसीबत!

    नई दिल्ली| जरा सोचिए… आप दुकान पर गए, 5 रुपए दिए और बिस्किट का पैकेट ले लिया। लेकिन बदले में मिला 4 रुपए 47 पैसे का पैकेट। अब दिक्कत ये है कि दुकानदार आपको बाकी के 53 पैसे लौटाए कैसे? यही हाल टॉफी, शैंपू और चिप्स के पैकेट का भी है। 2 रुपए वाला शैंपू अब 1 रुपए 77 पैसे का हो गया, और 1 रुपए की टॉफी 88 पैसे की।

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    सुनकर अजीब लग रहा है ना? लेकिन ये सब खेल शुरू हुआ है जीएसटी की नई (New GST Rates) दरों से। चीजें थोड़ी सस्ती हुईं, ग्राहक को राहत भी मिली। लेकिन खड़ी हो गई नई परेशानी। अब सवाल है कि बाकी के पैसे का क्या होगा? ये बचत है या सिरदर्द? अब लेनदेन कैसे होगा? तो इसे लेकर कंपनियों की अलग-अलग राय है। 

    UPI से करेंगे पेमेंट या खरीदेंगे बड़ा पैकेट

    जीएसटी की नई दरों का असर सबसे ज्यादा 5 और 10 रुपए वाले पारले जी जैसे बिस्किट्स पर पड़ा। क्योंकि, दो दशक से भी ज्यादा समय से 5 रुपए में मिलने वाला छोटा पैक अब 4.47 का हो गया। इसे लेकर पारले प्रोडक्ट्स के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह का कहना है कि शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हो रही है। लेकिन ग्राहक या तो UPI से पेमेंट करेंगे या फिर बड़े पैक खरीदेंगे। उनका कहना है कि सरकार से अभी यह क्लियरिटी आनी चाहिए कि क्या कंपनियां दाम घटाने के बजाय प्रोडक्ट का वजन बढ़ाकर भी फायदा दे सकती हैं या फिर नहीं।

    यह भी पढ़ें- चिप्स, नमकीन, बिस्किट से मसाले तक, 5 और 10 रुपए में क्यों आते हैं इनके पैकेट? छोटे दामों में छिपा है बड़ा राज!

    कैडबरी-बॉर्नवीटा बनाने वाली कंपनी की राय

    जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद कैडबरी और बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी मोंडलेज ने भी दाम घटाए हैं। अभी तक जो पैकेट 30 रुपए का मिलता था, अब वह 26 रुपए 69 पैसे का मिल रहा है। 10 रुपए वाला ओरियो बिस्किट का पैकेट 8.90 रुपए का हो गया है। वहीं बच्चों से लेकर बड़ों तक की फेवरेट जेम्स और फाइव स्टार जैसी चॉकलेट्स 20 से घटकर 17 रुपए 80 पैसे में मिल रही हैं। इसे लेकर कंपनी ने साफ किया है कि नई MRP में GST का फायदा शामिल है और डीलरों को यह छूट ग्राहकों तक पहुंचानी होगी।

    नेस्ले ने कीमतें घटाने के साथ वजन भी बढ़ाया!

    नेस्ले ने कीमतें घटाने के साथ-साथ कुछ प्रोडक्ट्स का वजन भी बढ़ाया है। पहले 30 रुपए वाले वेज आटा नूडल्स अब 28 रुपए में मिल रहे हैं। 120 रुपए वाले मैगी नूडल्स का पैकेट अब 116 रुपए में मिल रहा है। लेकिन कंपनी ने इसका वजन 560 ग्राम से बढ़ाकर 600 ग्राम कर दिया है। इसी तरह 190 रुपए का एक किलो मैगी केचअप अब 178 रुपए में मिल रहा है। 35 रुपए की किटकैट अब 30 रुपए में मिल रही है। 

    'अजीब कीमतें' बनीं इंडस्ट्री की नई मुसीबत

    FMCG कंपनियों का कहना है कि यह 'अजीब कीमतें' उनके लिए चुनौती बन गई हैं। ग्राहकों को भी अब 4 रुपए 47 या फिर 1 रुपए 77 पैसे जैसे आंकड़े समझाने मुश्किल होंगे। एफएमसीजी से जुड़े लोगों का कहना है कि इंडस्ट्री शॉर्ट टर्म में दाम घटाएगी, लेकिन आगे चलकर प्रोडक्ट का वजन बढ़ाकर पुरानी कीमतों पर वापस जाएगी। क्योंकि भारतीय बाजार में 5, 10 और 20 रुपए वाले पैकेट्स की भारी डिमांड है और बड़ी से बड़ी कंपनियां इससे समझौता नहीं करना चाहेंगी।

    • शैंपू की बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 79% है।
    • बिस्किट में 64%।
    • चॉकलेट में 58%।
    • नमकीन और टूथपेस्ट में क्रमशः 44% और 29% है।

    यानी ग्राहक अभी भी छोटे पैकेट खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में कंपनियों के सामने चुनौती है कि ग्राहकों को GST का फायदा देते हुए कीमतें कैसे आसान बनाई जाएं।

    अब आबे क्या है कंपनियों की रणनीति?

    आरएसपीएल ग्रुप के प्रेसिडेंट सुशील कुमार बाजपेयी का कहना है कि उन्होंने अपने स्टॉक की कीमतें 13% तक घटा दी हैं, ताकि ग्राहकों को पूरा फायदा मिले। हालांकि, उनका भी कहना है कि इन अजीब कीमतों को मैनेज करना मुश्किल होगा और आगे नई रणनीति अपनानी पड़ेगी।

    बता दें कि GST की नई दरों ने FMCG सेक्टर में बड़ा बदलाव ला दिया है। बिस्किट, नमकीन, शैंपू और चॉकलेट जैसी रोजमर्रा की चीजें सस्ती तो हो गई हैं, लेकिन कीमतें ऐसी हैं, जिन्हें गिनना और समझना आम ग्राहकों के लिए आसान नहीं। फिलहाल कंपनियां सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रही हैं। आने वाले समय में या तो पैक का वजन बढ़ेगा या फिर पुरानी गोल-गोल कीमतें लौटेंगी।

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