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    New GST Rates: 22 सितंबर से होटल में रुकना होगा सस्ता, सरकार ने कहा- ₹7500 के कमरों पर ITC नहीं मांग सकेंगे Hotel

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 10:35 PM (IST)

    मंगलवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से जीएसटी की नई दरों (new GST rates 2025) को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया गया। इसके तहत आगामी 22 सितंबर से होटल में 7500 रुपए प्रतिदिन तक या उससे कम किराए वाले कमरे पर सिर्फ 5% ही जीएसटी लगेगा। इस प्रकार के कमरे को लेकर होटल मालिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा नहीं कर सकेंगे।

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    22 सितंबर से होटल में रुकना होगा सस्ता, सरकार ने कहा- ₹7500 के कमरों पर ITC नहीं मांग सकेंगे Hotel

    नई दिल्ली| अब होटल में रुकना पहले से सस्ता होने वाला है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जीएसटी दरों पर बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया। इसके मुताबिक, 22 सितंबर से 7,500 रुपए प्रतिदिन तक या उससे कम किराए वाले होटल कमरों पर केवल 5% जीएसटी (new GST rates 2025) ही लगेगा। यह कदम आम यात्रियों और टूरिस्टों को सीधी राहत देगा।

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    दरअसल, अब तक यह कन्फ्यूजन बना हुआ था कि अगर होटल मालिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करते हैं, तो वे 7,500 रुपए से कम किराए वाले कमरों पर भी 18% जीएसटी वसूल सकते हैं। इससे ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता था।

    लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तरह का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे कमरों पर केवल 5% ही जीएसटी लगेगा और होटल मालिक ITC का दावा नहीं कर पाएंगे।

    सर्विसेज पर लगेगा सिर्फ 5% जीएसटी

    यह फैसला केवल होटल इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है। मंत्रालय ने सौंदर्य और शारीरिक देखभाल सेवाओं (जैसे जिम, ब्यूटी सर्विसेज) पर भी स्थिति साफ की है। इन सेवाओं पर भी सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा और यहां भी ITC की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। यानी ग्राहकों को 18% की जगह केवल 5% टैक्स ही देना होगा।

    इंश्योरेंस पूरी तरह जीएसटी फ्री

    आम लोगों के लिए और भी राहत भरी खबर है। सरकार ने दोहराया कि व्यक्तिगत तौर पर खरीदे जाने वाले हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पूरी तरह से जीएसटी मुक्त रहेंगे। इसका मतलब है कि अब इन पॉलिसियों पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

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    रियायती टैक्स दर लागू करती है तो...

    विशेषज्ञों का कहना है कि जब सरकार बिना ITC के 5% की रियायती टैक्स दर लागू करती है, तो यह प्रभावी रूप से इनपुट क्रेडिट से इनकार करने जैसा है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि इस तरह की आपूर्ति को लगभग छूट प्राप्त सेवाओं के बराबर माना जा सकता है।

    कुल मिलाकर, यह फैसला यात्रियों, आम ग्राहकों और सर्विस लेने वालों के लिए सीधी राहत है। खासकर दिल्ली-एनसीआर और बड़े शहरों में जहां होटल और जिम की डिमांड ज्यादा है, वहां इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। इससे होटल इंडस्ट्री और टूरिज्म सेक्टर में भी बुकिंग बढ़ने की उम्मीद है।

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