नोएडा में डेवलपर्स खड़ी कर सकेंगे गगनचुंबी इमारतें, हाइट लिमिट खत्म होने से क्या होंगे फायदे-नुकसान? एक्सपर्ट से समझें
यूपी सरकार ने नोएडा में रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स की ऊंचाई पर लगी (building height rules Noida) पाबंदी हटा दी है। यानी अब डेवलपर्स अपनी मर्जी से गगनचुंबी इमारतें खड़ी कर सकेंगे। नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक अभी तक नोएडा में ग्राउंड के साथ 22-23 फ्लोर (G+22 23 फ्लोर) बनाने की परमिशन थी जो अब बढ़कर ठीक डबल हो गई है। यानी डेवलपर्स ग्राउंड के साथ 44-46 फ्लोर तक की बिल्डिंग बना सकेंगे।

नई दिल्ली| यूपी सरकार ने नोएडा में रेजिडेंशियल बिल्डिंग्स की ऊंचाई पर लगी पाबंदी हटा दी है। यानी अब डेवलपर्स अपनी मर्जी से गगनचुंबी इमारतें खड़ी कर सकेंगे। पहले तक फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) और ऊंचाई की सीमा तय थी, लेकिन अब यह रोक खत्म कर दी गई है।
इस फैसले के बाद नोएडा में वर्तमान ऊंचाई से दोगुनी ऊंची बिल्डिंगें बनाई जा सकेंगी। जिसका सीधा असर रियल एस्टेट मार्केट और लोगों की लाइफस्टाइल पर पड़ेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इससे क्या-क्या फायदे और नुकसान होंगे? तो इस बारे में बता रहे हैं ओरम ग्रुप के फाउंडर प्रदीप मिश्रा। चलिए 5 पॉइंट में समझते हैं सबकुछ।
हाइट लिमिट खत्म होने से होंगे ये फायदे
1. सस्ते घरों का सपना पूरा- FAR बढ़ने से एक ही जमीन पर ज्यादा फ्लैट बनेंगे। इससे कीमतें कम होंगी और आम लोगों को घर खरीदना आसान होगा।
2. छोटे बिल्डर्स को मौका- अब छोटे प्लॉट पर भी प्रोजेक्ट शुरू हो सकते हैं। इससे बड़ी कंपनियों का दबदबा टूटेगा और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
3. वर्क-लाइफ बैलेंस- नए नियमों के तहत प्रोजेक्ट्स में शॉप्स और ऑफिस की भी इजाजत होगी। यानी एक ही सोसाइटी में घर, ऑफिस और शॉपिंग की सुविधा मिलेगी।
4. रोजगार और राजस्व- सरकार को FAR फीस से कमाई होगी। वहीं, ज्यादा कंस्ट्रक्शन से मजदूरों और स्थानीय लोगों को नौकरी भी मिलेगी।
5. ग्रीन और मॉडर्न प्रोजेक्ट्स- अब EV चार्जिंग पॉइंट और ग्रीन बिल्डिंग्स अनिवार्य होंगे। इससे साफ हवा और बेहतर टेक्नोलॉजी वाले घर मिलेंगे।
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हाइट लिमिट खत्म होने से होंगे ये नुकसान
1. इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव- ज्यादा फ्लैट बनेंगे तो ट्रैफिक, पानी और बिजली पर दबाव बढ़ेगा। लोगों को जाम और शॉर्टेज झेलनी पड़ सकती है।
2. पुरानी प्रॉपर्टी का मूल्य घटेगा- नई इमारतों के आने से पुराने फ्लैट्स की कीमत गिर सकती है। मालिकों को बेचने में दिक्कत होगी।
3. पर्यावरण पर असर- ऊंची इमारतें और ज्यादा कंक्रीट का मतलब है कम हरियाली और ज्यादा गर्मी। पानी की कमी भी हो सकती है।
4. नियम लागू करने की दिक्कत- अलग-अलग अथॉरिटीज के कारण नियम लागू करने में देरी और कंफ्यूजन हो सकता है।
5. जमीन के दाम बढ़ सकते हैं- FAR का फायदा सिर्फ चौड़ी सड़कों वाले इलाकों को मिलेगा। वहां जमीन के दाम तेजी से बढ़ेंगे, जिससे आम खरीदार बाहर हो सकता है।
कितनी ऊंची बन सकेंगी बिल्डिंगें?
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, अभी तक नोएडा में ग्राउंड के साथ 22-23 फ्लोर (G + 22, 23 फ्लोर) बनाने की परमिशन थी, जो अब बढ़कर ठीक डबल हो गई है। यानी डेवलपर्स ग्राउंड के साथ 44-46 फ्लोर (G + 44, 46 फ्लोर) तक की बिल्डिंग बना सकेंगे। हालांकि, यह कब से लागू होगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं आई है।
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