NCDEX ने जुटाए ₹770 करोड़, अब शुरू होगा इक्विटी-डेरिवेटिव सेगमेंट; निवेशकों को क्या नया मिलेगा?
NCDEX ने अपने शेयरहोल्डर्स से 770 करोड़ रुपए से ज्यादा की फंडिंग जुटाने की मंजूरी हासिल कर ली है। इस रकम का इस्तेमाल इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट शुरू करने के लिए किया जाएगा। कंपनी को इस साल जुलाई 2025 में SEBI से इस सेगमेंट को शुरू करने की इन-प्रिंसिपल मंजूरी मिल चुकी थी।

नई दिल्ली | नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) ने अपने शेयरहोल्डर्स से 770 करोड़ रुपए से ज्यादा की फंडिंग जुटाने की मंजूरी हासिल कर ली है। इस रकम का इस्तेमाल इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट शुरू करने के लिए किया जाएगा। कंपनी को इस साल जुलाई 2025 में SEBI से इस सेगमेंट को शुरू करने की इन-प्रिंसिपल मंजूरी मिल चुकी थी।
कंपनी ने 22वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में 3,90,18,973 इक्विटी शेयर जारी करने को हरी झंडी दी। हर शेयर का फेस वैल्यू 10 रुपए और प्रीमियम 187.34 रुपए रखा गया है। इस तरह कुल मिलाकर 770,00,04,155 रुपए जुटाए गए हैं। यह शेयर प्रेफरेंशियल बेसिस पर 61 निवेशकों को दिए गए हैं, जिनमें संस्थागत निवेशक, फाइनेंशियल पार्टनर, प्राइवेट इक्विटी फर्म और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) शामिल हैं।
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कहां होगा फंड का इस्तेमाल?
NCDEX का कहना है कि इस फंड का इस्तेमाल आधुनिक टेक्नोलॉजी, मजबूत रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम, बेहतर कनेक्टिविटी और रेग्युलेटरी कंप्लायंस के लिए किया जाएगा। कंपनी अगले साल इक्विटी कैश मार्केट लॉन्च करेगी और उसके बाद इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट की शुरुआत होगी। इससे ट्रेडिंग ज्यादा आसान और लिक्विडिटी मजबूत होगी।
शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में आएगा बदलाव?
यह फंडरेजिंग न सिर्फ कंपनी की ग्रोथ प्लानिंग के लिए अहम है बल्कि निवेशकों के भरोसे को भी दिखाती है। इससे NCDEX के शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में भी बदलाव आएगा और संस्थागत समर्थन और डाइवर्सिफाइड ओनरशिप बढ़ेगी। अब कंपनी का मकसद सिर्फ कृषि कमोडिटी तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इक्विटी मार्केट में भी मजबूत खिलाड़ी बनना है।
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NCDEX के एमडी और सीईओ अरुण रस्ते ने कहा कि,
"यह फंडरेज कंपनी को मल्टी-सेगमेंट एक्सचेंज बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। अब सदस्य एक ही प्लेटफॉर्म पर कमोडिटी और इक्विटी दोनों सेगमेंट में ट्रेड कर पाएंगे। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और रेग्युलेटरी सपोर्ट के साथ हम इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में पारदर्शी और भरोसेमंद प्लेटफॉर्म देने के लिए तैयार हैं।"
माना जा रहा है कि यह कदम भारत के वित्तीय बाजार को गहराई देने और ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकता है।
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