Mukesh Ambani Salary: पांच साल से 0 सैलरी ले रहे मुकेश अंबानी, फिर कैसे चलता है खर्चा?
मुकेश अंबानी ने लगातार 5वें साल भी कोई सैलरी (Mukesh Ambani Salary) नहीं ली। वे 2020-21 से कोई भी सैलरी नहीं ले रहे जबकि वे भारत की सबसे अधिक मार्केट कैपिटल वाली कंपनी की टॉप पोस्ट संभाल रहे हैं। सैलरी के बजाय वे रिलायंस से मिलने वाले डिविडेंड और अन्य बेनेफिट्स के जरिए अपने खर्च चलाते हैं।

नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन-एमडी मुकेश अंबानी ने वित्त वर्ष 2024-25 में लगातार पाँचवें वर्ष कोई सैलरी (Mukesh Ambani Salary) नहीं ली है। RIL की लेटेस्ट एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, अंबानी ने COVID-19 महामारी के दौरान लिए गए अपने फैसले को जारी रखने का विकल्प चुना है, जिसमें सैलरी, अलाउंसेज और अन्य इंसेंटिव्स समेत सारे मेहनताने को छोड़ने का फैसला शामिल है।
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कोरोना काल से नहीं ली सैलरी
67 वर्षीय अंबानी (Mukesh Ambani Income) ने कोरोना काल (वित्त वर्ष 2020-21) से कोई सैलरी नहीं ली है। इससे पहले, वित्त वर्ष 2008-09 से वित्त वर्ष 2019-20 तक उनका सालना वेतन ₹15 करोड़ पर सीमित रहा था। हालाँकि वे भारत की सबसे अधिक मार्केट कैपिटल वाली कंपनी में टॉप एग्जीक्यूटिव पद पर बने हुए हैं। फिर भी वे इस पद के लिए 5 साल से कोई सैलरी नहीं ले रहे।
फोर्ब्स के अनुसार 7 अगस्त, 2025 तक 103.3 बिलियन डॉलर (9.06 लाख करोड़ रु) की कुल संपत्ति (Mukesh Ambani Net Worth) के साथ, मुकेश अंबानी दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
कैसे चलता है मुकेश अंबानी का खर्चा
रिलायंस इंडस्ट्रीज, जिसमें अंबानी परिवार की 50.33% हिस्सेदारी है, ने वित्त वर्ष 24 के लिए ₹10 प्रति शेयर डिविडेंड घोषित किया था। इससे अंबानी परिवार को 332.27 करोड़ शेयरों के आधार पर ₹3,322.7 करोड़ का डिविडेंड मिला।
डिविडेंड के अलावा मुकेश अंबानी को मिलने वाले अन्य फायदों में बिजनेस से संबंधित यात्रा, एकोमोडेशन और कम्युनिकेशंस एक्सपेंसेसज के लिए रिइम्बर्समेंट के साथ-साथ कंपनी द्वारा मिलने वाली सिक्योरिटी का बेनेफिट मिलता है।
बच्चों की कितनी मिली सैलरी
इस बीच, मुकेश अंबानी के तीन बच्चों, ईशा अंबानी पीरामल, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी, जिन्हें अक्टूबर 2023 में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के रूप में बोर्ड में शामिल किया गया था, में प्रत्येक को वित्त वर्ष 2025 के लिए सिटिंग फीस के रूप में ₹0.06 करोड़ और कमीशन के रूप में ₹2.25 करोड़ मिले।
अगस्त 2023 में बोर्ड से हटने वाली नीता अंबानी को वित्त वर्ष 24 के लिए ₹0.02 करोड़ सिटिंग फीस और ₹0.97 करोड़ कमीशन मिली थी। मगर वित्त वर्ष 25 की सूची में उनका नाम शामिल नहीं है।
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