ये 3 भारतीय एयरलाइन लगा सकती हैं अमेरिका की अकल ठिकाने, एक फैसले से Boeing को लगेगा ₹4.30 लाख करोड़ का झटका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद यह सवाल उठता है कि भारत कैसे जवाब दे सकता है। एक विकल्प है कि भारतीय एयरलाइंस बोइंग कंपनी (Indian airlines Boeing order) के 4.30 लाख करोड़ रुपये के विमान ऑर्डर को रद्द कर दे। एयर इंडिया अकासा एयर और इंडिगो जैसी कंपनियां बोइंग के ऑर्डर रद्द करके एयरबस को चुन सकती हैं जैसा पहले चीन ने किया था।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ा दिया है। नए ऐलान में 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है, जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि भारत कैसे ट्रंप के टैरिफ से निपट सकता है। माना जा रहा है कि भारत अपने एक फैसले से ही अमेरिका की एक कंपनी को 4.30 लाख करोड़ रु का झटका दे सकता है।
दरअसल भारत की 3 एयरलाइन कंपनियों के प्लेन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग (Boeing) के पास कई हवाई जहाजों के पेंडिंग ऑर्डर पड़े हैं। यदि बोइंग के इन ऑर्डर्स को रद्द किया जाए, तो उसे 4.30 लाख करोड़ रु का झटका लगेगा। आइए जानते हैं कि भारत के पास क्या हैं ऑप्शन।
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Air India को मिलने हैं कितने प्लान
साल 2023 में, एयर इंडिया ने 470 विमानों का रिकॉर्ड तोड़ ऑर्डर दिया, जिसमें 220 बोइंग और 250 एयरबस के थे। इसके बाद 100 एयरबस विमानों का अतिरिक्त ऑर्डर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय एयरलाइंस को 499 और विमानों की डिलीवरी होनी है।
इनमें से 20 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, 142 बोइंग 737 मैक्स और बोइंग 10 777X एयर इंडिया को मिलने हैं। 198 बोइंग 737 मैक्स अकासा एयर को दिए जाने हैं।
एयर इंडिया, अकासा और इंडिगो दे सकती हैं झटका
एयर इंडिया, अकासा और इंडिगो को बोइंग के जितने प्लेन मिलने हैं, उनकी वैल्यू 49 बिलियन डॉलर है, जो भारतीय करेंसी में 4.3 लाख करोड़ रु बनते हैं। इन एयरलाइन के पास ऑप्शन है कि वे बोइंग के इन ऑर्डर्स को कैंसल करके फ्रांस की एयरबस को दे हैं।
चीन उठा चुका है ये कदम
चीन ने ट्रंप को घेरने के लिए बोइंग ऑर्डर के रिव्यू को पहली रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया था। भारत के पास भी ये ऑप्शन है। वैसे भी 2006 के बाद से भारतीय एयरलाइनों ने एयरबस से बोइंग के मुकाबले अधिक प्लेन लिए हैं।
2006 से 2025 के दौरा भारतीय एयरलाइंस ने एयरबस को 1934 प्लेन के ऑर्डर दिए, जिनमें से 675 की डिलीवरी हुई। वहीं बोइंग को 928 प्लेन के ऑर्डर दिए गए, जिनमें से 213 प्लेन डिलीवर हुए।
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