HPCL ने भी रोकी रूसी तेल की खरीद; मुकेश अंबानी, IOCL के बाद उठाया ये बड़ा कदम
मित्तल समूह और एचपीसीएल के संयुक्त उद्यम एचएमईएल ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद रूस से कच्चे तेल की खरीद रोकने का फैसला किया है। एचएमईएल पहली भारतीय कंपनी है जिसने यह कदम उठाया है। कंपनी ने कहा कि उसने हमेशा सरकारी नीतियों का पालन किया है और उसकी गतिविधियां भारत की ऊर्जा सुरक्षा नीति के अनुरूप हैं।

नई दिल्ली। मित्तल समूह और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के संयुक्त उद्यम एचएमईएल ने बुधवार को कहा कि उसने हालिया प्रतिबंधों के मद्देनजर रूस से कच्चे तेल की खरीद रोकने का फैसला किया है।
एचएमईएल पहली भारतीय कंपनी है, जिसने रूस के बड़े तेल उत्पादकों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद आधिकारिक रूप से कहा कि वह रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगी। एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (एचएमईएल) ने हा कि उसने अब तक रूस से तेल की खरीद आपूर्ति के आधार पर की है।
इसका अर्थ है कि आपूर्तिकर्ता ने जल परिवहन की व्यवस्था की थी। ऐसी आपूर्ति के लिए भारतीय बंदरगाहों पर आने वाले सभी जहाज बिना किसी अनुमति के थे। कंपनी ने आगे कहा, 'अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर नए प्रतिबंधों की घोषणा के बाद, एचएमईएल ने रूस से कच्चे तेल की आगे की खरीद को रोकने का फैसला किया है।'
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पंजाब के बठिंडा में एक तेल रिफाइनरी का स्वामित्व और संचालन करने वाली इस कंपनी ने कहा कि उसने हमेशा सरकारी नीतियों और नियमों का पूरी तरह पालन किया है। एचएमईएल की व्यावसायिक गतिविधियां भारत सरकार और उसकी ऊर्जा सुरक्षा नीति के अनुरूप हैं।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी नहीं खरीदेगा रूसी तेज
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने सोमवार को कहा कि वह सभी लागू अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का पालन करेगी। अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच IOC के कुल कच्चे तेल आयात में 21% हिस्सा रूसी तेल का था। लेकिन अमेरिकी पाबंदियों के बाद स्थिति बदल रही है। IOC की सहायक कंपनी चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CPCL) ने इस महीने अपने रूसी तेल आयात को आधा कर दिया है।
अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रूस की तेल कंपनियों रॉसनेफ्ट (Rosneft) और लुकॉइल (Lukoil) पर प्रतिबंध लगाए, जिसके अगले दिन यूरोपीय संघ ने भी दोनों कंपनियों के साथ लेनदेन पर पूरी तरह रोक लगा दी।

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