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    Moody ने वित्त वर्ष 2023 के कैलेंडर में किया बदलाव, भारत का वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर किया 6.7 फीसदी

    By AgencyEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Fri, 01 Sep 2023 12:40 PM (IST)

    मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को भारत के विकास दर के अनुमान में बदलाव किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 7.8 फीसदी दर्ज हुई है। इस विकास दर के बाद मूडीज ने अनुमान लगाया कि 2023 कैलेंडर वर्ष भारत का विकास अनुमान 6.7 फीसदी तक बढ़ सकता है। आइए इस रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

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    Moody ने वित्त वर्ष 2023 के कैलेंडर में किया बदलाव

     नई दिल्ली, एजेंसी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने शुक्रवार को भारत के विकास के अनुमान में बदलाव किया है। देश के मजबूत आर्थिक गति के कारण 2023 कैलेंडर वर्ष भारत का विकास अनुमान 6.7 फीसदी बढ़ सकता है। इसकी जानकारी मूडीज ने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक दिया है।

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    उन्होंने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक में कहा कि मजबूत सर्विस सेक्टर और पूंजीगत व्यय ने पहले तिमाही के विकास दर को 7.8 फीसदी तक दर्ज किया। ऐसे में 2023 कैलेंडर वर्ष के विकास पूर्वानुमान को 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि मजबूत अंतर्निहित आर्थिक गति को देखते हुए, भारत के आर्थिक विकास प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ने के जोखिम को भी पहचानते हैं।

    दूसरी तिमाही का विकास दर

    मूडीज के अनुसार दूसरी तिमाही का बेहतर प्रदर्शन 2023 में उच्च आधार बनाता है। ऐसे में मूडीज ने वर्ष 2024 का विकास अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है।

    भारत में जून से अक्टूबर तक चलने वाले मानसून सीज़न में भी औसत से कम बारिश हो सकती है। इसका परिणामस्वरूप खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 29 अगस्त 2023 तक देश भर में 9 फीसदी बारिश की कमी का अनुमान लगाया है।

    वहीं, मूडीज ने कहा कि अगर इस साल अल नीनो 2023 की दूसरी छमाही में आता है तो कृषि कमोडिटी की कीमतें बढ़ सकती हैं।

    आरबीआई की रेपो रेट

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने अगस्त में तीसरी बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। इसके अलावा खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में हालिया वृद्धि और अनिश्चित अल नीनो-संबंधित मौसम की स्थिति के कारण अगले साल की शुरुआत में मौद्रिक नीति में ढील पर विचार में देरी होगी।

    ऐसे में मूडीज ने कहा कि भारत में घरेलू मांग में तेजी बनी हुई है और जब तक मुख्य महंगाई भी अपेक्षाकृत स्थिर रहेगी। इस वजह से दरों में बढ़ोतरी की भी संभावना नहीं है।