चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.3 प्रतिशत रह सकती है जीडीपी वद्धि दर, घरेलू खपत में होगा इजाफा: Moody's
मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने भारत के पहले तिमाही के लिए अनुमान जताया है कि इस तिमाही भारतीय अर्थव्यवस्था 6 से 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी। इस साल राजकोषीय घाटा 5.9 फीसदी रहने का उम्मीद जाताया गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रेटिंग एजेंसी मूडीज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जून में समाप्त होने वाली तिमाही यानी इस साल की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 6 से 6.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी का कहना है भारत सरकार का रेवेन्यू उम्मीद से कम हो सकता है, जिस वजह से राजकोषीय मोर्चे में घटा बढ़ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2023-24 की पहली तिमाही का वृद्धि दर 8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है जबकि मूडीज का अनुमान इससे कम का है।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज के एसोसिएट मैनेजिंग डायरेक्टर जीन फैंग ने पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि 2022-23 के लिए भारत का जनरल सरकारी डेट जीडीपी का 81.8 फीसदी पर रहा है।
देश की ग्रोथ रेट बढ़ने की उम्मीद
जीन फैंग ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की वृद्धि दर लगभग 6-6.3 फीसदी होगी। ये दर वित्त वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में दर्ज 6.1 प्रतिशत के आसपास ही है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि महंगाई के नीचे आने की वजह से उम्मीद है कि घरेलू मांग में सुधार आ सकता है। सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) अर्थव्यवस्था में निवेश का सूचक है।
‘बीएए3’ (Baa3) की सॉवरेन रेटिंग के साथ भारत की ताकत उसकी बड़ी और विविधता वाली अर्थव्यवस्था है। भारत में विकास की ऊंची वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है। वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच वृद्धि के मजबूत अनुमान से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.9 फीसदी है
भारत सरकार ने राजकोषीय नीति पर चिंताओं को दूर करते हुए पिछले दो साल में अपने राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल किया है। सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 में घटकर जीडीपी का 6.4 फीसदी रह गया है। ये दर 2021-22 में 6.7 फीसदी था। आपको बता दें कि सरकार के खर्च और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य का अनुमान 5.9 फीसदी है।