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India Debt: घट रहा है कर्ज का बोझ, Moody’s ने भारत की तारीफ करते हुए बताई इसकी वजह

Debt on India in 2023 Moody Report मूडीज ने कहा कि भारत का कर्ज का बोझ कम हो रहा है और जो भी कर्ज भारत पर है वो इसे आसानी से संभाल सकता है। मूडीज ने यह भी बताया कि कर्ज क्यों कम हो रहा है।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarPublished: Thu, 15 Jun 2023 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jun 2023 06:41 PM (IST)
International Rating Agency Moody India Debt Report: India's debt burden is decreasing

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने आज कहा कि भारत के कर्ज के बोझ में गिरावट का अनुमान है। मूडीज सर्विस ने कहा कि भारत के उपर जो कर्ज है, उसे भारत की राजकोषीय ढ़ाचा आराम से संभाल लेगा। हालांकि, अच्छी बात ये है कि कर्ज का बोझ धीरे-धीरे कम हो रहा है।

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मूडीज ने कहा कि जब तक भारत की नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ बनी रहती है, तब तक भारत का कर्ज का बोझ स्थिर रहेगा या थोड़ा कम होगा।

11 प्रतिशत औसतन नॉमिनल जीडीपी का अनुमान

मूडीज ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती जीडीपी है जो नॉमिनल के संदर्भ में औसतन 11 प्रतिशत अनुमानित है। यह अनुमान कर्ज के बोझ में हो रहे गिरावट की वजह से है।

7.2 फीसदी रही थी विकास दर

हाल ही में भारत सरकार की ओर से जारी जीडीपी के आकंड़े के मुताबिक देश की जीडीपी वित्त वर्ष 23 में 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है। आपको बता दें कि देश की विकास दर पिछले वित्त वर्ष में 9.1 प्रतिशत रही थी। वहीं वित्त वर्ष 23 के मार्च तिमाही में देश की विकास दर 6.1 प्रतिशत बढ़ी।

सरकार की एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक देश के एग्री सेक्टर, माइनिंग सेक्टर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर, फिन सेक्टर, रियल्टी सेक्टर में वृद्धि देखने को मिली है। इतना ही नहीं भारत वर्तमान में दुनिया की

पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत से आगे अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी है।

7.2 से अधिक रह सकती है जीडीपी

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने हाल ही में कहा था कि वित्त वर्ष 23 में अनुमानित 7.2 प्रतिशत जीडीपी जब 2026 के शुरुआत में स्थिर हो जाएगी तो यह आंकड़ा बढ़ सकता है।

आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन ने कहा कि जीडीपी में बढ़त लोगों के प्रयास से है जिन्होंने वित्त वर्ष 22 में 9.1 प्रतिशत के आंकड़े के बाद वित्त वर्ष 23 में इस आंकड़े को 7.2 प्रतिशत तक पहुंचाया है।

 


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