मोदी सरकार का रोजगार पर बढ़ा फोकस, 1 करोड़ से अधिक नौकरियां देने का प्लान
केंद्र सरकार की ओर से बीते चार महीने के दौरान 4.19 लाख करोड़ के बुनियादी ढांचे की बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी दी गई। इससे केवल वैश्विक स्तर का ढांचागत निर्माण ही नहीं होगा बल्कि लाखों की संख्या में नौकरियों-रोजगार के अवसर युवाओं को मिलेंगे। सरकार का आकलन है कि हर 4.1 करोड़ रुपये के ढांचागत पूंजी निवेश पर चार से छह नौकरियां सृजित होंगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रोजगार पर निरंतर गरम सियासत के बीच मोदी 3.0 सरकार ने बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश के जरिए रोजगार सृजन की गति तेज कर दी है। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से पिछले चार महीने में 4.19 लाख करोड़ के बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की मंजूरी के साथ ही अगले पांच साल में करीब 1.26 करोड़ नौकरियों के सृजन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
सरकारी भर्ती प्रक्रिया की गति भी बढ़ने लगी है और पिछले चार महीनों के दौरान केंद्र सरकार के मंत्रालयों-विभागों में 60 हजार से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। रोजगार के मोर्चे पर केंद्र सरकार से जुड़े तमाम महकमों की यह गति इसलिए भी बढ़ी कि आम बजट 2024-25 में दो लाख करोड़ रूपए के जरिए अगले पांच साल में चार करोड़ रोजगार का निर्माण करने का लक्ष्य हासिल करना भी है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट की ओर से बीते चार महीने के दौरान 4.19 लाख करोड़ के बुनियादी ढांचे की बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी दी गई। इससे केवल वैश्विक स्तर का ढांचागत निर्माण ही नहीं होगा, बल्कि लाखों की संख्या में नौकरियों-रोजगार के अवसर युवाओं को मिलेंगे। सरकार का आकलन है कि हर 4.1 करोड़ रूपए के ढांचागत पूंजी निवेश पर चार से छह नौकरियां सृजित होंगी।
रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना के तहत 3.39 करोड़ लोगों को लाभ होगा। सरकारकी ओर से संसद में घोषित पीएम इटर्नशिप के तहत एक करोड़ युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के साथ ही भत्ते और एकमुश्त सहायता भी मिलेगी। वहीं देश के 1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान कर उन्हें उद्योग-बाजार की मांग के हिसाब से रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा।
खास बात यह भी है कि रोजगार-नौकरियों के सृजन की निगरानी करने वाले सरकारी महकमे में भी खाली पदों को भरने की गति दी गई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और ईएसआईसी में बीते चार महीने में 4300 से अधिक युवाओं को सरकारी पदों पर नियुक्ति का पत्र जारी किया जा चुका है और 5000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
केंद्रीय कैबिनेट ने हाल में ढांचागत विकास की जिन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है उसमें महाराष्ट्र के वधावन में 76,220 रुपए के खर्च से एक बड़े बंदरगाह का विकास खास है क्योंकि अकेले इससे 12 लाख नौकरियों के सृजन का अनुमान है। साथ ही 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों से 40 लाख नौकरियों का सृजन होगा।
गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास से 22,000 नौकरियों के अवसर बनेंगे। जबकि चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना चरण के दूसरे चरण के दौरान 9000 कुशल और 7500 अर्ध-कुशल रोजगार सृजित होंगे। इसके साथ ही कृषि ढांचागत विकास, पीएम-ड्राइव से भी लाखों रोजगार के अवसर आने वाले समय में युवाओं को मिलेंगे।
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