Gig Workers: डिलीवरी बॉय को भी मिलेगी EPFO से पेंशन? श्रम मंत्रालय बना रहा योजना
श्रम मंत्रालय गिग वर्कर्स को रिटायरमेंट की उम्र में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है। श्रम मंत्रालय का मानना है कि एग्रीगेटर कंपनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स का वेतन सीमित है और ऐसे में उनके वेतन के हिस्से से योगदान लेकर पेंशन देना मुनासिब नहीं होगा। एग्रीगेटर कंपनियों को अपने सालाना लाभ का एक हिस्सा गिग वर्कर्स के पेंशन फंड में देना चाहिए।

संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सर्विस डिलीवरी क्षेत्र में काम कर रहे लाखों गिग वर्कर्स को रिटायरमेंट की उम्र में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पेंशन का प्रबंध करने के लिए हितधारकों से चर्चा की पहल शुरू कर दी है। श्रम और रोजगार मंत्रालय इस दिशा में गिग वर्कर्स को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के जरिए पेंशन के दायरे में लाने के लिए सेवा क्षेत्र में काम कर रही सभी बड़े एग्रीगेटर कंपनियों से चर्चा कर रहा है।
गिग वर्कर्स को पेंशन देने के लिए श्रम मंत्रालय और EPFO एग्रीगेटर कंपनियों से अपने सालाना लाभ का एक फीसद हिस्सा पेंशन फंड में देने के लिए राजी करने जैसे विकल्पों पर गौर करने की पहल में जुटे हैं। सेवा क्षेत्र के निरंतर बढ़ते आकार के बीच देश में गिग वर्कर्स की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ रही है और सरकार ऐसे में इस क्षेत्र में काम करने वालों को सामाजिक सुरक्षा के कवच में लाए जाने की जरूरत महसूस कर रही है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इसके मद्देनजर ही श्रम मंत्रालय और EPFO ने गिग वर्कर्स को रिटायरमेंट की उम्र से पेंशन दिए जाने के लिए सभी हितधारकों से चर्चा शुरू की पहल शुरू की है। इस क्रम में स्विगी, जोमैटो जैसी कुछ बड़ी एग्रीगेटर कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन से चर्चा की गई है।
बताया जाता है कि इन चर्चाओं के दौरान श्रम मंत्रालय की राय थी कि एग्रीगेटर कंपनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स का वेतन सीमित है और ऐसे में उनके वेतन के हिस्से से योगदान लेकर पेंशन देना मुनासिब नहीं होगा। एग्रीगेटर कंपनियों के बढ़ते आकार और कारोबार को देखते हुए उनके लिए अपने सालाना लाभ का एक फीसद अंशदान अपने गिग वर्कर्स के पेंशन फंड में करना चाहिए।
श्रम मंत्रालय तथा EPFO अपने अध्ययन अनुमानों के आधार पर एग्रीगेटर कंपनियों से कहा भी है कि इस छोटे अंशदान से उन्हें ज्यादा फर्क नहीं आएगा, मगर गिग वर्कर्स को सेवानिवृत्ति के उपरांत मासिक पेंशन के तौर पर सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। कार्यक्षेत्र में स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा का फायदा वर्कर्स और कंपनियों दोनों को मिलेगा।
श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में इस समय गिग वर्कर्स की संख्या करीब एक करोड़ है, जो अगले पांच साल में पांच करोड़ तक पहुंच जाएगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन वर्तमान सदस्यों के साथ इससे जुड़ने वाले नए युवाओं को सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अपने योगदान को अपनी इच्छा अनुरूप बढ़ाने का विकल्प देने पर गंभीरता से गौर कर रहा है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय इसके लिए EPFO से जुड़े सुधारों को आगे बढ़ाने कर प्रक्रिया में जुट गया है। इस क्रम में EPFO पेंशन से जुड़ी जटिलताओं का सरलीकरण करने के साथ भविष्यनिधि तथा पेंशन फंड में योगदान को लचीला बनाने का एजेंड़ा अग्रिम पंक्ति में है। सूत्रों के अनुसार श्रम मंत्रालय कर्मचारियों के EPFO में 12 प्रतिशत योगदान की सीमा को बढ़ाने के पक्ष में है। इसमें कर्मचारी को अपनी इच्छा के अनुसार 12 प्रतिशत से अधिक योगदान देने की छूट देने का प्रस्ताव है।
हालांकि इसमें नियोक्ता के वर्तमान अंशदान की सीमा में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। कमर्चारी अंशदान सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव के पीछे मंत्रालय की मंशा यह है कि नौकरी ज्वाइन करने वाले युवा प्रारंभिक सालों में अपनी सामाजिक सुरक्षा के भविष्य की बेहतर प्लानिंग कर सकें तो सेवाकाल समाप्त करने के निकट आ रहे लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से अंशदान बढ़ाने की योजना बना सकें।
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