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    महंगाई कम होने से आम आदमी की रसोई को बड़ी राहत, शाकाहारी-मांसाहारी दोनों थाली हुई सस्ती, इतनी कम हो गई लागत

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 06:46 PM (IST)

    महंगाई दर में कमी का असर आम आदमी के जीवन पर देखने को मिल रहा है। नवंबर में घर पर बनने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में वार्षिक आधार पर 13 प ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल इंटेलिजेंस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष नवंबर में घर पर बनने वाली शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में वार्षिक आधार पर 13 प्रतिशत की गिरावट रही है। इसका मुख्य कारण सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, उच्च आपूर्ति के कारण पिछले महीने टमाटर की कीमतों (Tomato Prices) में 17 प्रतिशत की गिरावट रही है। वहीं, उच्च आधार के कारण आलू की कीमतें 29 प्रतिशत कम हुई हैं।

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    कितनी गिरीं प्याज और दाल की कीमतें

    रबी स्टाक और सुस्त निर्यात के कारण प्याज के मूल्य में 53 प्रतिशत और दालों की कीमत में 17 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। दालों की कीमत में कमी का प्रमुख कारण बढ़ता भंडारण और चना, पीले मटर और काले चने का भारी आयात है। हालांकि, मासिक आधार पर पिछले महीने शाकाहारी थाली की लागत दो प्रतिशत बढ़ी है और मांसाहारी थाली की लागत एक प्रतिशत घटी है। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुषान शर्मा ने कहा कि मध्यम अवधि में प्याज की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि खरीफ की कटाई में देरी और कम उपज हो रही है।

    हालांकि, आलू की कीमतें और भी कम होने की संभावना है क्योंकि स्टाक बाजार में जारी किया जा रहा है। रेटिंग एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि दालों की कीमतें निकट भविष्य में 30 प्रतिशत आयात शुल्क के कारण सीमित रहेंगी। इसके अलावा, काले चने का अनियंत्रित आयात भी दालों की कीमतों को सीमित रखेगा।

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    बता दें कि भारत की रिटेल महंगाई दर अक्टूबर में तेजी से घटकर 0.25 प्रतिशत पर आ गई थी, जो 2001 से शुरू हुई करंट सीरीज में इसका सबसे निचला स्तर है। महंगाई की दर में यह गिरावट खाद्य कीमतों में निरंतर नरमी के कारण आई है। इस इंडेक्स में प्रमुख खाद्य पदार्थों और खाद्य वस्तुओं में व्यापक नरमी को दर्शाता है।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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